Sunday, 25 September 2022

इस हफ्ते भी आएगी भारी गिरावट या होगी रिकवरी? एक्सपर्ट्स से जानिए कैसा रहेगा बाजार का हाल

नई दिल्ली : मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान का समय होने की वजह से इस हफ्ते शेयर बाजारों (Share Market) में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा निवेशकों की निगाह ब्याज दरों पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले पर रहेगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। रिजर्व बैंक 30 सितंबर को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करेगा। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक बाजारों के रुख से भी यहां धारणा प्रभावित होगी। फेडरल रिजर्व और दुनिया के अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने हाल के समय में ब्याज दरों (Interest Rates) में वृद्धि की है। आरबीआई कर सकता है रेपो रेट में इजाफा माना जा रहा है कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों से संकेत लेते हुए रिजर्व बैंक भी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में वृद्धि करेगा। यह लगातार चौथा मौका होगा, जब केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति पर काबू के लिए नीतिगत दरें बढ़ाएगा। रिजर्व बैंक ने मई से अब तक रेपो दर में 1.40 फीसदी की वृद्धि की है। विश्लेषकों का कहना है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में आधा फीसदी की और वृद्धि करेगा। इससे रेपो दर बढ़कर तीन साल के उच्चस्तर 5.9 फीसदी पर पहुंच जाएगी। आरबीआई एमपीसी बैठक पर सबकी नजर जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस सप्ताह निवेशकों की निगाह 30 सितंबर को रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों पर रहेगी। नायर ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि बाजार वैश्विक घटनाक्रमों तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के रुख से दिशा लेगा।’’ अमेरिका के जीडीपी के आंकड़े अहम स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह भी घरेलू बाजारों पर वैश्विक रुख हावी रहेगा। रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा और सितंबर के फ्यूचर एंड ऑप्शन निपटान की वजह से हमारे बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा। अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े महत्वपूर्ण रहेंगे।’’ इसके अलावा बाजार के लिए रुपये का रुख भी महत्वपूर्ण होगा। पिछले सप्ताह शुक्रवार को रुपया पहली बार 81 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया। वैश्विक बाजारों का रुख महत्वपूर्ण रेलिगेयर ब्रोकिंग के शोध उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा और मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहने वाला है। इसके अलावा वैश्विक बाजारों के दबाव से भी यहां धारणा प्रभावित होगी।’’ सैमको सिक्योरिटीज में प्रमुख-बाजार परिवेश अपूर्व सेठ ने कहा कि वैश्विक बाजारों की निगाह अमेरिका के बहुप्रतीक्षित जीडीपी के आंकड़ों पर रहेगी। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर सभी की चर्चा का केंद्र रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा रहेगी। बीते हफ्ते 1.26 फीसदी गिरा सेंसेक्स बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 741.87 अंक या 1.26 फीसदी नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 203.50 अंक या 1.16 फीसदी का नुकसान रहा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि भारतीय बाजार वैश्विक रुख से दिशा लेंगे। इसके अलावा बाजार की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा पर रहेगी।


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