नई दिल्ली : सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) ने जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डॉर्टसे नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि वह देश छोड़ने की फिराक में था। एसएफआईओ के अधिकारियों ने उसे बिहार से गिरफ्तार किया है। इससे पहले उन्होंने डॉर्टसे के गुरुग्राम, बेंगलुरु और हैदराबाद के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार, डॉर्टसे (अधिकारियों द्वारा बताया गया नाम) एक रैकेट का मास्टरमाइंड है, जिसमें भारत में चीन से जुड़ी शेल कंपनियों को शामिल किया गया है। मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि डॉर्टसे के ठिकानों पर 8 सितंबर को छापेमारी की गई जिसमें जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम में जिलियन हांगकांग लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, बेंगलुरु में फिनिंटी प्राइवेट लिमिटेड और हैदराबाद में एक पूर्व सूचीबद्ध कंपनी हुसिस कंसल्टिंग लिमिटेड शामिल हैं। छापेमारी के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के पास दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार डॉर्टसे ने खुद को हिमाचल प्रदेश के मंडी का निवासी बताया था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आरओसी दिल्ली ने जांच के दौरान कई सबूत प्राप्त किए, जो स्पष्ट रूप से कई शेल कंपनियों में दिखावे के रूप में काम करने के लिए जिलियन इंडिया लिमिटेड द्वारा भुगतान किए जा रहे डमी निदेशकों की ओर इशारा करते है। कंपनी की मुहरों से भरे बक्से और डमी निदेशकों के डिजिटल हस्ताक्षर साइट से बरामद किए गए हैं। भारतीय कर्मचारी चाइनीज इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के जरिए चीनी समकक्षों के संपर्क में थे। हुसिस लिमिटेड को भी जिलियन इंडिया लिमिटेड की ओर से काम करते हुए पाया गया। बताया जा रहा है कि हुसिस लिमिटेड का जिलियन हांगकांग लिमिटेड के साथ एक समझौता था। कॉपोर्रेट मामलों के मंत्रालय ने 9 सितंबर, 2022 को जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और 32 अन्य कंपनियों की जांच एसएफआईओ को सौंपी थी। डॉर्टसे और एक चीनी नागरिक जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक हैं। जांच के आधार पर, यह पता चला कि डॉर्टसे दिल्ली-एनसीआर से बिहार भाग गया था और सड़क मार्ग से भारत से भागने का प्रयास कर रहा था, जिसके बाद एसएफआईओ ने एक विशेष टीम गठित की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शनिवार को एसएफआईओ ने डॉर्टसे को गिरफ्तार किया। अदालत में उसे ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया।
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