अहमदाबाद: गुजरात के चुनावों के लिए काउंटडाउन शुरु होने में अब कुछ हफ्ते ही बचे हैं। लेकिन सोमवार को जब आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल अहमदबाद में थे, तभी प्रदेश में एकमात्र सहयोगी पार्टी बीटीपी () ने गठबंधन था ही नहीं कहकर साथ छोड़ दिया। बीटीपी साथ ही नहीं छोड़ा, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भी निशाने पर लिया और आप को भाजपा की बी-टीम करार दिया। बड़ा सवाल यह है कि कई सभाओं में आप के साथ मंच साझा कर चुकी है बीटीपी ने ऐसा झटका क्यों दिया? बीटीपी के 'आप' मुझे अच्छे लगने लगे से लेकर मूड बिगड़ने को लेकर तमाम चर्चाएं है। लेकिन दोस्ती टूटने के लिए आप की तीसरी लिस्ट को जिम्मेदार माना जा रहा है। आप ने 7 सितंबर को अपनी तीसरी सूची जारी की थी। इस सूची में आप ने 10 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। इसमें नादोड़ (Nandod) से प्रफुल्ल वसावा की उम्मीदवारी का ऐलान किया गया था। प्रफुल्ल वसावा की उम्मीदवारी का ऐलान होने के बाद क्षेत्र में विरोध भी सामने आया था। इसमें अर्जुन राठवा और प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया के खिलाफ नारेबाजी की गई थी। पार्टी नेताओं ने कामकाज बंद करने की धमकी भी दी थी। पार्टी ने तीसरी सूची में तीन आदिवासी सीटों के लिए नामों का ऐलान किया था। इसमें अरविंद गमित तापी जिले की निजर सीट से और बिपिन गमेती साबरकांठा जिले की खेडब्रह्मा से उम्मीदवार बनाए गए थे। नादोड़ सीट से प्रफुल्ल वसावा की उम्मीदवारी बीटीपी को नागवार गुजरी और यही बात गठबंधन टूटने की सबसे बड़ी वजह रही। प्रफुल्ल वसावा का विरोध क्यों? नर्मदा जिले के राजपीपला में रहने वाले प्रफुल्ल वसावा काफी पढ़े-लिखे हैं और एक आदिवासी होने के बाद चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे लंबे समय तक मेधा पटाकर के साथ भी कर चुके हैं और वर्तमान में आदिवासी टाइगर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बाद इंडीजिनिशन आर्मी ऑफ इंडिया के फाउंडर हैं। प्रफुल्ल वसावा ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनता दल यूनाइटेड से की थी। इसके बह भारतीय ट्राइबल पार्टी आ गए थे और बीटीपी की स्टूडेंट विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। आप ने जब बीटीपी के बागी को टिकट दिया तो बीटीपी संस्थापक नाराज हुए और गठबंधन तोड़ दिया। प्रफुल्ल वसावा भले ही बीटीपी से अलग हो गए थे लेकिन सोशल मीडिया पर वह छोटू वसावा को जन्मदिन की बधाई देते आए हैं। उन्होंने इस साल 15 जुलाई को छोटू वसावा के जन्मदिन पर पोस्ट की थी इसमें लिखा था ' गुजरात में आदिवासी स्वतंत्र राजनिति की नींव रखने वाले, जल जमीन जंगल और संवैधानिक अधिकारों के लडायक, आदिवासियों के साथ एस सी, ओ बी सी, और मुस्लिम समुदाय की आवाज बने झगडिया विधानसभा के विधायक छोटुभाई वसावा जी को प्राकृतिक अवतरण दिवस पर जोहार सह शुभकामनाएं।' नो कमेंट के मूड में 'आप'आप ने अभी तक इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है, हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि बीटीपी से लगातार उम्मीदवारों के नाम मांगे जा रहे थे, कई बार अनुरोध किया गया। जब नाम नहीं मिले तो पार्टी ने चुनावी तैयारी को जोर देते हुए तीसरी सूची जारी की। पार्टी की तरफ से बीटीपी को असहज नहीं किया। आप नेताओं का कहना है कि हमने भी गठबंधन का ऐलान नहीं किया था। हम आदिवासियों के हित के काम करना चाहते थे, इसीलिए बीटीपी नेता साथ आए थे।
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