वॉशिंगटन: अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में विश्व के नेताओं ने संयुक्त रूप से पुतिन की निंदा की है। लेकिन यूक्रेन युद्ध में बड़ा नुकसान झेल चुके पुतिन अपनी युद्ध मशीनरी को एक बार फिर मजबूत करने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र में एक भाषण दिया और फरवरी में शुरु हुए रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस के हमले को युद्ध अपराध बताया। हालांकि इस दौरान रूस के विदेश मंत्री उपस्थित नहीं थे। ब्लिंकन ने अपने भाषण में कहा, 'अगर रूस लड़ना बंद कर दे तो युद्ध खत्म और यूक्रेन लड़ना बंद कर दे तो यूक्रेन खत्म।' CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन जनरलों को सीधे निर्देश दे रहे हैं, जो रूसी सेना की शिथिलता का सबूत है और यूक्रेन युद्ध के चलते ये सभी के सामने आ गया है। अमेरिकी खुफिया सूत्रों के मुताबिक रूस के सैन्य नेताओं के साथ रणनीति पर महत्वपूर्ण असहमति है। योजनाओं पर असहमति ही सबसे बड़ा संघर्ष बनता जा रहा है। सबसे बड़ी असहमति इस बात पर है कि अब रक्षात्मक उपाय अपनाने चाहिए। रूस छोड़ कर भाग रहे लोगइस युद्ध में रूस को बड़ा नुकसान हुआ है। इस बीच बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की है, जिसके बाद रूस में अफरा तफरी मच गई है। बड़ी संख्या में लोग रूस छोड़ कर भाग रहे हैं। रूस से बाहर जाने वाले सभी विमान पूरी तरह फुल हैं। हालांकि पुतिन के फरमान से सवाल उठता है कि क्या किसी भी सक्षम व्यक्ति को जबरन भर्ती किया जा सकता है। इस बात के सबूत भी है कि बहुत से रूसी लोग सेना में जाने के इच्छुक नहीं हैं। लोग रूस से कजाकिस्तान, जॉर्जिया और मंगोलिया भाग रहे हैं। रूसी लोगों की भर्ती से भी नहीं होगा फायदाCNN के एक लेख में लेखक और इंटरनेशनल पीस के वरिष्ठ साथी ने लिखा, 'लोगों में डर है कि उन्हें जबरन सेना में भर्ती किया जाएगा। पुतिन ने अब घरेलू मोर्चे पर भी युद्ध शुरू कर दिया है। ये युद्ध विपक्ष और सिविल सोसायटी के साथ ही रूस की पुरुष आबादी के खिलाफ है।' सेना में लोगों की भर्ती करना पुतिन की मुश्किलें कम करने वाला नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि युद्ध में फंसी सेना के पास लोगों को पर्याप्त ट्रेनिंग का समय नहीं है. अगर बिना ट्रेनिंग के लोग युद्ध में जाएंगे तो फायदा कुछ नहीं होगा, लेकिन रूस में मौतें ढेर सारी होंगी। हाथ तोड़ने के तरीके खोज रहे रूसी लोगतीन लाख सैनिकों की तैनाती की घोषणा के बाद से रूस में लोग भागना चाह रहे हैं। जो लोग नहीं भाग पा रहे हैं वह तरह-तरह के बहाने खो रहे हैं। रूस में लोग इस समय घर पर हाथ कैसे तोड़ें, जैसी चीजों को खोज रहे हैं। लोगों का कहना है कि वे राष्ट्रपति के फैसले से बेहद डरे हुए हैं। आलम यह है कि मॉस्को से हवाई टिकटों की कीमतें में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। आस-पास के देशों में जाने के लिए एकतरफा उड़ानों का किराया 7 लाख रुपयों से ज्यादा हो गया है। ज्यादातर टिकट पहले ही बुक हो चुकी हैं। वहीं, फिनलैंड और जॉर्जिया के साथ लगी सीमाओं की क्रॉसिंग पर ट्रैफिक बढ़ गया है। मॉस्को की सड़कों पर उतरे लोग, 1200 गिरफ्तारपुतिन के आंशिक सैनिक तैनात करने के फैसले के खिलाफ रूस में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। राजधानी मॉस्को, सबसे बड़े औद्योगिक शहर सेंट पीटर्सबर्ग में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल करीब 1200 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। प्रदर्शनकारियों ने 'युद्ध नहीं, हमारे बच्चों के लिए जीवन, कोई लामबंदी नहीं' के नारे भी लगाए। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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