नई दिल्ली: अक्सर इस बात की चर्चा होती है कि फलां पिच स्पिनरों के अनुकूल थी तो खिलाड़ी ने इतने विकेट हासिल किए, ठीक यही पेसर्स और बल्लेबाज पर भी लागू होता है। बैटिंग के अनुकूल पिच पर बल्लेबाज रनों का अंबार लगाता है तो तेज पिच पर तूफानी गेंदबाजों का जलवा होता है। लेकिन होनहार तो उसे ही कहते हैं, जो विपरीत परिस्थिति में प्रदर्शन करके दिखाए। कुछ ऐसा ही देखने को मिला कांगा लीग में अवेश खान के साथ। युवा होनहार ने 5 घंटे तक बैटिंग की थी और अब जूनियर क्रिकेट में तहलका मचा रहा है। कंगा लीग में रिकॉर्डतोड़ बैटिंग मुंबई के दादर का रहने वाला यह खिलाड़ी मुंबई की मशहूर क्रिकेट लीग 'कंगा लीग' पानी की सरफेस वाली पिच पर खेली जाती है। यहां घास घुटनों तक होती है और 20-25 मिनट की बैटिंग के बाद बल्लेबाजों के पैर थकान में मारे थरथराने लगते हैं। ऐसी पिच पर अवेश ने 300 (296 मिनट) मिनट तक बैटिंग की और 196 गेंदों का सामना किया, जबकि 67 रन की पारी खेली। मुश्किल पिच पर खेली गई इस पारी को शतक से कम नहीं आंका जा सकता है। पिता की जिद थी, 4 वर्ष की उम्र में ही ले गए अकैडमी अवेश बताते हैं- पिता क्रिकेट के फैन हैं। वह खुद भी क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन किसी कारणवश अपना सपना पूरा नहीं कर से तो उन्होंने मुझे क्रिकेटर बनाने की ठानी। वह सिर्फ 4 वर्ष की उम्र में मुझे अकादमी में शामिल करवाना चाहते थे, लेकिन कई लोगों ने मना कर दिया। वह कहते थे कि पैसा लीजिए और सिर्फ अकैडमी आकर बैठने की इजाजत दे दीजिए। दरअसल, वह चाहते थे कि मैं बचपन में ही क्रिकेट के माहौल को समझूं और सीखूं। गुरु ज्वाला देते हैं कॉन्फिडेंस, कहते हैं- कुछ भी ऐसा नहीं जो मैं नहीं कर सकता गुरु ज्वाला सिंह के बारे में अवेश कहते हैं- मैंने कई अकैडमी में क्रिकेट खेला, लेकिन कोच के पास आने के बाद कई बातें साफ हो गईं। मुझे अपना लक्ष्य दिखने लगा है। वह काफी समय भी मुझे देते हैं और सीखने को भी मिल रहा है। वह कॉन्फिडेंस देते हैं और बताते हैं कि मैं क्या कर सकता हूं। मैं यही चीज मिस कर रहा था। मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे मौका दिया। जो रूट हैं फेवरिट क्रिकेटर दूसरी ओर, फेवरिट क्रिकेटर के बारे में पूछे जाने पर वह कहते हैं- मुझे जो रूट पसंद हैं। रूट लंबे समय तक बैटिंग करते हैं और कई मायने में वह दुनियाभर के दिग्गज क्रिकेटरों से भी बेहतर हैं। उनका संजीदापन और फोकस उन्हें दूसरे प्लेयर से अलग करता है। अवेश में दिखी पृथ्वी-यशस्वी वाली आगकोच ज्वाला सिंह अवेश के बारे में कहते हैं, 'पृथ्वी और यशस्वी में जो बात दिखी थी वही मुझे अवेश में दिख रही है। वह फाइटर है। वह मेरे पास जब आया था तब काफी कुछ ऐसी खामियां थीं, जो जूनियर लेवल पर एक्सपोज नहीं होती हैं, लेकिन सीनियर लेवल पर आते ही पकड़ में आ जाती हैं। अंडर-14 में मुंबई को कैप्टन कर चुका है। कई टूर्नामेंट्स में अच्छा कर रहा है। ए-डिवीजन में सीनियर लेवल के खिलाड़ी होते हैं। कंगा लीग में शानदार किया था। मैंने उससे बेहतर किसी के रिकॉर्ड के बारे में नहीं सुना है। उम्मीद है वह आगे भी अच्छा करेगा।'
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