वॉशिंगटन: बुधवार को नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की तरफ से नेप्च्यून की बेहद खूबसूरत तस्वीरें जारी की गई हैं। इस ग्रह को पहली बार देखा गया है और एकदम नई रोशनी में इस ग्रह के आसपास मौजूद रिंग्स को भी देखा जा सकता है जिन्हें देख पाना काफी मुश्किल था। नासा ने ये फोटोग्राफ्स ट्वीट की हैं और लोग इन्हें कई बार शेयर कर चुके हैं। नेप्च्यून की दूरी से धरती की तुलना में 30 गुना ज्यादा है। जेम्स वेब टेलीस्कोप नासा का वह मिशन है जो पिछले 10 सालों से चल रहा है। इस मिशन में यूरोप और कनाडा की स्पेस एजेंसी भी शामिल हैं। नासा ने जारी की प्रेस रिलीज नासा की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में इस बात की जानकारी दी गई है। वेब प्रोजेक्ट पर नेप्च्यून एक्सपर्ट हाइदी हमाल ने कहा, 'यह तीन दशकों में पहली बार है जब हमने इन नए, धूल भरे रिंग्स को देखा है और पहली बार है कि इस ग्रह को देखा गया है।' कई पतले रिंग्स के अलावा नई तस्वीरों से नेप्च्यून के हल्के धूल भरे बैंड्स भी नजर आ रहे हैं। इससे पहले सन् 1989 में नासा के वोयाजर 2 को नेप्च्यून के रिंग्स के अस्तित्व का पहला फोटोग्राफिक सबूत दिया था। सबसे दूर का ग्रह अंधेरा, ठंडा और सुपरसोनिक हवाओं से घिरा, नेपच्यून हमारे सौर मंडल का सबसे दूर का ग्रह है। इस ग्रह और उसके पड़ोसी ग्रह यूरेनस को 'बर्फ के दानव' के तौर पर जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका अंदरुनी हिस्सा गैस से भी वजनी बृहस्पति और शनि की तुलना में भारी तत्वों से बने होते हैं, जो हाइड्रोजन और हीलियम में समृद्ध होते हैं। नई तस्वीरों में नेप्चूयन सफेद रंग का नजर आ रहा है। जबकि हबल स्पेस टेलीस्कोप की तरफ से जो तस्वीरें आई थीं उसमें नेप्च्यून सफेद रंग का नजर आ रहा था। कहा जा रहा है कि उस समय नेप्च्यून के वातावरण में मीथेन गैस की मौजूदगी की वजह से ऐसा हुआ था। नजर आया सुपरमून टाइटन ये ग्रह धरती की तरफ झुका हुआ है और सूरज का एक चक्कर पूरा करने में इसे 164 साल लगते हैं। जियोलॉजिस्ट्स को अभी इसके उत्तरी ध्रुव की कोई फोटोग्राफ या कोई जानकारी नहीं मिल सकती है। जेम्स वेब ने नेप्च्यून के 14 चंद्रमाओं में से सात को देखा है जिसमें एक इसका सबसे बड़ा चांद टाइटन भी आया है। टाइटन असाधारण तौर पर एक उल्टी कक्षा के तौर पर इसके चारों ओर चक्कर लगता है।
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