Monday 26 September 2022

चेतावनी दी थी, पर बाज नहीं आई चार्लोट, दीप्ति शर्मा ने बताया मैदान पर क्या-क्या हुआ था

नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार गेंदबाज दीप्ति शर्मा स्वदेश लौट चुकी हैं और जब उनसे चार्लोट डीन के बारे में पूछा गया जो बात उन्होंने बताई वह हैरान करने वाली थी। उन्होंने कहा कि मैदान पर वह बार-बार गेंद फेंकने से पहले ही रन के लिए दौड़ पड़ रही थी। इस बारे में टीम इंडिया अंपायर से भी शिकायत की थी, लेकिन जब अंग्रेज बल्लेबाज नहीं मानी तो फिर मजबूरन आउट करना पड़ा। उन्होंने इस बारे में कहा- कई बार ऐसा हुआ था। हमने वॉर्निंग भी दी थी और अंपायर से भी शिकायत की थी, लेकिन वह मान नहीं रही थी। इसके बाद हमने प्लान करके आउट किया। यह गलत भी नहीं है। पूरी तरह नियमों के आधार पर यह किया गया था। बता दें कि भारतीय महिलाओं ने इंग्लैंड को वनडे सीरीज में 3-0 से रौंदते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। महान झूलन गोस्वामी को इससे शानदार विदाई हो ही नहीं सकती थी। दूसरी ओर, क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के इंग्लैंड की चार्लोट डीन को गेंदबाजी छोर पर रन करने पर अपनी मुहर लगा दी। इंग्लैंड की आखिरी बल्लेबाज चार्लोट डीन (47) को गेंदबाजी छोर पर क्रीज से आगे निकलने पर विवादास्पद अंदाज में रन आउट दिया गया जिससे भारत जीत हासिल करने में सफल रहा। डीन गेंदबाजी छोर पर क्रीज से बाहर निकल आईं थी और दीप्ति ने उन्हें रन आउट कर दिया। दीप्ति का रन आउट करना पूरी तरह से वैध था लेकिन फिर भी इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों ने नाखुशी जाहिर की लेकिन एमसीसी ने रविवार को कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। एमसीसी ने एक बयान में कहा, ‘वास्तव में एक रोमांचक मैच का असामान्य अंत था, इसमें अधिकारियों ने उचित भूमिका निभाई और इसे और कुछ नहीं माना जाना चाहिए। गेंदबाजी छोर पर बल्लेबाजों के लिए एमसीसी का संदेश यही रहेगा कि वे तब तक क्रीज पर रहें जब तक कि गेंदबाज के हाथ से गेंद को निकलते हुए नहीं देख लेते। ऐसा करने पर उस मैच जैसा आउट नहीं हो सकता।’ हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने ने खेल की परिस्थितियों को संशोधित करते हुए इस तरह के आउट होने को ‘अनुचित खेल’ से ‘रन आउट’ कर दिया था। ये बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होंगे। एमसीसी ने कहा कि यह मामले को स्पष्ट करने और बल्लेबाजों को यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि वे गेंद फेंके जाने से पहले गेंदाबजी छोर पर क्रीज को नहीं छोड़ें। बयान के अनुसार, ‘नियम स्पष्ट हैं जिससे कि सभी अंपायरों के लिए खेल के सभी स्तरों और खेल के सभी क्षणों में आसानी से व्याख्या की जा सके।’ इसमें कहा गया, ‘क्रिकेट की भावना के संरक्षक के रूप में एमसीसी इसकी सराहना करता है कि दुनिया भर में इसकी अलग-अलग व्याख्या की जाती है। सम्मानजनक बहस स्वस्थ है और जारी रहनी चाहिए क्योंकि जहां एक व्यक्ति ऐसे उदाहरणों में गेंदबाज को खेल भावना का उल्लंघन करने के रूप में देखता है तो दूसरा गेंदबाजी छोर के बल्लेबाज को अपना मैदान जल्दी छोड़कर अनुचित लाभ प्राप्त करने की ओर इशारा करता है।’


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