Friday, 4 May 2018

Jaipur doppler radar dysfunctional when dust storm hit Rajasthan

Jaipur doppler radar dysfunctional when dust storm hit Rajasthan
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डोप्लर रडार आंधी , तूफान , बारिश का बेहतर आकलन लगाने में मदद करता है और इससे दो - तीन घंटों के भीतर मौसम अलर्ट जारी करने में भी सहायता मिलती है. 





राजस्थान में जब तूफान मचा रहा था तबाही, तब डॉप्लर रडार पड़ा हुआ था खराब

2 मई की रात को तेज गति से धूल भरे आंधी - तूफान ने राजस्थान के कुछ हिस्सों में तबाही मचाई थी. ( फोटो साभार - PTI)


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Why Dusty Storm turned Deadly in UP, Rajasthan?

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नई दिल्‍ली : तेज हवा के तूफान बनने का कारण क्‍या है? ठंडी हवा कैसे 150 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार के तूफान में बदल गई और दीवार, घर, होर्डिंग गिराते-उड़ाते हुए 100 से ज्‍यादा जानें लील गई. इस तूफान ने यूपी और राजस्‍थान में सबसे ज्‍यादा तबाही मचाई है. शुक्रवार को मौसम विभाग ने फिर चेतावनी जारी कर लोगों को सतर्क किया है. उसका कहना है कि तूफान जम्‍मू-कश्‍मीर, हरियाणा, दिल्‍ली, उत्‍तराखंड, पंजाब, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में फिर तबाही मचा सकता है. वहीं हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, ओडीशा और केरल में तेज हवाएं चलने आने की आशंका है. तूफान आने के साथ तेज बारिश भी होगी. कई जगहों पर ओले गिरने की भी आशंका है. मौसम विज्ञानियों ने तेज हवा के तूफान बनने का कारण तलाशने की कोशिश की है. आइए जानते हैं मौसम में इस बदलाव का कारण:


100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है हवा
मौसम विज्ञानियों की मानें तो ठंडी हवाओं का तूफान का रूप लेने के पीछे वजह 'डाउनबर्स्‍ट' है, यानि हवा चलने के दौरान डाउनवर्ड एयर मूवमेंट उसे तूफान में तब्‍दील कर देता है. इस दौरान 100 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की रफ्तार से हवा चलती है. जब डाउनवर्ड हवा जमीन से टकराती है तो वह बाहर की तरफ धक्‍का मारती है. किसानों को अकसर इससे संघर्ष करते देखा गया है. हवा का यह मूवमेंट 200 मील तक रहता है. हालांकि कुछ थोड़ी दूर में ही शांत हो जाती हैं. जो डाउनबर्स्‍ट ढाई मील से छोटे होते हैं उन्‍हें 'माइक्रोबर्स्‍ट' कहते हैं. इसमें हवा में मिट्टी का शामिल होना और बड़ी तबाही का कारण बनता है. ऐसा मंजर गर्म प्रदेशों में ज्‍यादा देखने को मिलता है, जहां का तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहता है. इस दौरान विजिबिलटी शून्‍य हो जाती है. आंखों से दिखना बंद हो जाता है. जब यह हवा किसी दीवार या इमारत से टकराती है तो उसके गिरने से तबाही का मंजर और भयावह हो जाता है.


 



क्‍लाइमेट चेंज वजह तो नहीं?
नेशनल जियोग्राफिक में छपी खबर के मुताबिक विज्ञानी बताते हैं कि मौसम में इस बदलाव का कारण जलवायु परिवर्तन (Climate change) है. ग्‍लेशियर का पिघलना, तपती धरती, समुद्र का उफनाना, जंगलों का कटना और बादलों का फटना जलवायु परिवर्तन का मूल संकेत हैं यानि वातावरण के साथ खिलवाड़ के कारण ये विपदाएं आ रही हैं. दुनिया में चक्रवात या तूफान की संख्‍या लगातार बढ़ रही है. अमेरिका और तटवर्ती देश साल में कई बार तूफान का प्रकोप झेलते हैं. 


तूफान और बवंडर में फर्क
गर्मी के मौसम में छोटे-छोटे धूल के बवंडर दिखते हैं जो गोलाकार स्तम्भ बनाते हैं. यह कम क्षेत्रफल में तबाही मचाता है जबकि तूफान बड़े क्षेत्रफल में तबाही मचाता है. बवंडर तब बनता है जब हवा गर्म होकर जैसे ही ऊपर उठती है, आसपास की ठंडी हवा खाली जगह भर देती है और यह भी गर्म होकर और बड़ा बवंडर बन जाती है. इस दौरान भी 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलती है.




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Weather Department Alert Strom For Next 48 Hours In Up, Rajasthan, Bihar,uttrakhand And Delhi - मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी, 48 घंटें में हो सकती है तबाही!

Weather Department Alert Strom For Next 48 Hours In Up, Rajasthan,
Bihar,uttrakhand And Delhi - मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी, 48 घंटें में हो
सकती है तबाही!
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Weather Department Alert Strom For Next 48 Hours In Up, Rajasthan, Bihar,uttrakhand And Delhi - मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी, 48 घंटें में हो सकती है तबाही!- Amar Ujala Hindi News















































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Wednesday, 2 May 2018

Several People Killed In Rajasthan Due To Thunderstorm And Sandstorm - राजस्थान में आंधी ने मचाया कोहराम, देखिए कितने लोगों की हुई मौत

Several People Killed In Rajasthan Due To Thunderstorm And Sandstorm -
राजस्थान में आंधी ने मचाया कोहराम, देखिए कितने लोगों की हुई मौत
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Several People Killed In Rajasthan Due To Thunderstorm And Sandstorm - राजस्थान में आंधी ने मचाया कोहराम, देखिए कितने लोगों की हुई मौत- Amar Ujala Hindi News















































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Rajasthan Royals bowl, D'Arcy Short and Shreyas Gopal return | Cricket

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Toss Rajasthan Royals chose to bowl v Delhi Daredevils












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05:55





Last chance for Glenn Maxwell?








Rajasthan Royals captain Ajinkya Rahane elected to bowl against Delhi Daredevils at Feroz Shah Kotla. Having won only two out of their eight matches so far, Daredevils need to win all their remaining six matches or at least five of them to make the playoffs.



They brought in left-arm spinner Shahbaz Nadeem to replace legspinner Rahul Tewatia. Royals, on the other hand, made two changes. Allrounder Mahipal Lomror and legspinner Ish Sodhi were left out to accommodate Shreyas Gopal and D'Arcy Short respectively.



Delhi Daredevils: 1 Colin Munro, 2 Prithvi Shaw, 3 Shreyas Iyer (capt), 4 Rishabh Pant (wk), 5 Glenn Maxwell, 6 Vijay Shankar, 7 Shahbaz Nadeem, 8 Liam Plunkett, 9 Amit Mishra, 10 Avesh Khan, 11 Trent Boult



Rajasthan Royals: 1 Ajinkya Rahane (capt), 2 D'Arcy Short, 3 Sanju Samson, 4 Ben Stokes, 5 Jos Buttler (wk), 6 Rahul Tripathi, 7 K Gowtham, 8 Jofra Archer, 9 Dhawal Kulkarni, 10 Shreyas Gopal, 11 Jaydev Unadkat




Varun Shetty is a sub-editor at ESPNcricinfo





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ESPN Sports Media Ltd.









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Rajasthan Royals Vs Delhi Daredevils Ipl 2018 32nd Match New Delhi Live Scorecard - Ddvrr Live: अजिंक्य रहाणे ने जीता टॉस, राजस्थान पहले करेगी गेंदबाजी

Rajasthan Royals Vs Delhi Daredevils Ipl 2018 32nd Match New Delhi Live
Scorecard - Ddvrr Live: अजिंक्य रहाणे ने जीता टॉस, राजस्थान पहले करेगी गेंदबाजी
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स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला
Updated Wed, 02 May 2018 07:40 PM IST



ख़बर सुनें



राजस्थान रॉयल्स के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने बुधवार को आईपीएल 2018 के 32वें मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है। राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में दो बदलाव किए हैं। रहाणे ने डार्सी शॉर्ट और श्रेयस गोपाल को इश सोढ़ी व महिपाल लोमरोर  की जगह शामिल किया है। वहीं दिल्ली ने भी एक बदलाव करते हुए राहुल तेवटिया की जगह शाहबाज नदीम को शामिल किया है।

दिल्ली की टीम को आठ मैचों में सिर्फ दो जीत मिली है जबकि छह हार झेलनी पड़ी हैं। इसकी वजह से उसकी प्ले ऑफ में पहुंचने की राह और मुश्किल हो गई है। वहीं, राजस्थान रॉयल्स के सात मैचों में तीन जीत और चार हार के साथ छह अंक हैं। 

टीमें:

दिल्ली डेयरडेविल्स: कॉलिन मुनरो, पृथ्वी शॉ, श्रेयस अय्यर (कप्तान), ऋषभ पंत, ग्लेन मैक्सवेल, विजय शंकर, शाहबाज नदीम, लियाम प्लंकेट, अमित मिश्रा, आवेश खान और ट्रेंट बोल्ट।

राजस्थान रॉयल्स: अजिंक्य रहाणे (कप्तान), डार्सी शॉर्ट, राहुल त्रिपाठी, संजू सैमसन, बेन स्टोक्स, जोस बटलर, श्रेयस गोपाल, कृष्णप्पा गौतम, जोफ्रा आर्चर, धवल कुलकर्णी, और जयदेव उनाडकट।



राजस्थान रॉयल्स के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने बुधवार को आईपीएल 2018 के 32वें मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है। राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में दो बदलाव किए हैं। रहाणे ने डार्सी शॉर्ट और श्रेयस गोपाल को इश सोढ़ी व महिपाल लोमरोर  की जगह शामिल किया है। वहीं दिल्ली ने भी एक बदलाव करते हुए राहुल तेवटिया की जगह शाहबाज नदीम को शामिल किया है।


दिल्ली की टीम को आठ मैचों में सिर्फ दो जीत मिली है जबकि छह हार झेलनी पड़ी हैं। इसकी वजह से उसकी प्ले ऑफ में पहुंचने की राह और मुश्किल हो गई है। वहीं, राजस्थान रॉयल्स के सात मैचों में तीन जीत और चार हार के साथ छह अंक हैं। 

टीमें:

दिल्ली डेयरडेविल्स: कॉलिन मुनरो, पृथ्वी शॉ, श्रेयस अय्यर (कप्तान), ऋषभ पंत, ग्लेन मैक्सवेल, विजय शंकर, शाहबाज नदीम, लियाम प्लंकेट, अमित मिश्रा, आवेश खान और ट्रेंट बोल्ट।

राजस्थान रॉयल्स: अजिंक्य रहाणे (कप्तान), डार्सी शॉर्ट, राहुल त्रिपाठी, संजू सैमसन, बेन स्टोक्स, जोस बटलर, श्रेयस गोपाल, कृष्णप्पा गौतम, जोफ्रा आर्चर, धवल कुलकर्णी, और जयदेव उनाडकट।





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Indian Railways : Trains will not run on meter gauge in UP, Rajasthan and Tamil Nadu

Indian Railways : Trains will not run on meter gauge in UP, Rajasthan
and Tamil Nadu
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अनूप कुमार मिश्र, नई दिल्ली: उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान और तमिलनाडु में छोटी लाइन यानी मीटर गेज पर दौरान दौड़ने वाली कई ट्रेनों का परिचालन रात में नहीं होगा. इसके पीछे मकसद मानव रहित क्रॉसिंग पर हादसों को रोकना है. अनुमान है कि इस फैसले के चलते रोजाना करीब 73 ट्रेने प्रभावित होंगी. रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार उत्‍तर प्रदेश के कुशी नगर में ट्रेन और स्‍कूल बस के बीच हुई टक्‍कर में 13 बच्‍चों की मौत के बाद रेलवे ने हादसों को रोकने के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार करना शुरू की है. इसी रणनीति के तहत मीटर गेज ट्रैक पर स्थिति जिन दो स्‍टेशनों के बीच मानव रहि‍त फाटक हैं, वहां पर रात के दौरान ट्रेनों का परिचालन नहीं होगा. प्रभावित होने वाले सेक्‍शन में उत्‍तर प्रदेश में वृंदावन-मथुरा सेक्‍शन और पीलीभीत सेक्‍शन भी शामिल है. उन्‍होंने बताया कि प्रस्‍ताव को रेलवे मंत्रालय भेजा गया है. मंत्रालय से इजाजत मिलते ही इस फैसले को लागू कर दिया जाएगा.  


1000 किमी के दायरे में हैं 1135 मानव रहित क्रॉसिंग 
रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार देश के 11 सेक्‍शन में मीटर गेज पर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है, जिनकी अधिकतम रफ्तार करीब 75 किमी प्रति घंटा है हादसों से बचने के लिए निर्णय किया गया है कि इन सेक्‍शन में सिर्फ दिन के समय में ही ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा. निर्णय के तहत कुछ ट्रेनों को रद करने और कुछ के मार्गों को परिवर्तित करने का फैसला किया गया है. उन्‍होंने बताया इस फैसले के तहत मीटर गेज का करीब एक हजार किलोमीटर का ट्रैक प्रभावित होगा. जिसमें करीब 1135 मानव रहित क्रॉसिंग मौजूद हैं.


देश में हैं कुल 5792 मानव रहित क्रॉसिंग 
भारतीय रेल नेटवर्क में वर्तमान समय में कुल 5792 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग हैं. इसमें 3479 ब्राड गेज, 1135 मीटर गेज और 1178 नैरो गेज में हैं. नैरोगेज ट्रैक ज्‍यादातर पहाडी इलाकों में है. जहां टेनों का परिचालन बेहद सीमि‍त रफ़तार में किया जाता है. इस कारण मौजूदा योजना में रेलवे ने नैरो गेज ट्रैक पर मौजूद मानव रहित क्रॉसिंग को खत्‍म करने के लिए अभी योजना तैयार नहीं की है. 
 
2020 तक मानव रहित क्रॉसिंग खत्‍म करने का लक्ष्‍य पाना मुश्किल  
भारतीय रेलवे ने एक तरफ ब्राड गेज पर स्‍थित 3479 मानव रहित क्रॉसिंग को 2020 तक खत्‍म करने का लक्ष्‍य रखा है. वहीं दूसरी तरह रेलवे युद्ध स्‍तर पर मीटर गेज की लाइनों को ब्रांड गेज में परिवतर्ति कर कर रहा है. लिहाजा, जैसे-जैसे मीटर गेज की लाइने ब्राड गेज में परिवर्तित होती जाएंगी, मीटर गेज स्थित 1135 मानव रहित क्रॉसिंग सिलसिलेवार तरीके से ब्राड गेज में शामिल होती जाएंगी. इसे देखते हुए रेलवे के अधिकारियों का मानना है कि 2020 तक ब्रांड गेज को मानव रहित क्रॉसिंग से मुक्‍त करने संबंधी योजना की समय सीमा आगे बढ सकती है.


हाई स्‍पीड कारिडोर पर जून तक खत्‍म होगी मानव रहित क्रॉसिंग 
रेलवे के अधिकारी के अनुसार हादसों को ध्‍यान में रखते हुए उन लाइनों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिसमें हाईस्‍पीड ट्रेन या सबअर्बन ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. लक्ष्‍य है कि जून 2018 तक इन कॉरिडोर पर स्थित सभी मानव रहित क्रॉसिंग को खत्‍म कर दिया जाए. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्‍वनी लोहानी के अनुसार 2017-18 में हमने 1565 मानव रहित क्रॉसिंग को खत्‍म करने का लक्ष्‍य रखा था. इस लक्ष्‍य में इस वर्ष 1500 मानव रहित अन्‍य क्रॉसिंग को जोडा गया है. उन्‍होंने बताया कि 31 मार्च 2018 के बाद सिर्फ 400 मानव रहित ऐसी क्रॉसिंग बचेंगी, जहां से रोजाना एक या दो ट्रेनें गुजरती हैं. 31 मार्च 2020 के बाद इन मानव रहित क्रॉसिंग को भी चरणवद्ध तरीके से खत्‍म कर दिया जाएगा.


ट्रेन हादसों में आई कमी 
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्‍वनी लोहानी के अनुसार बीते कुछ वर्षों में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर हादसों में कमी लाई गई है. उन्‍होंने बताया कि 2014-2015 में जहां हादसों की संख्‍या 135 थी, वहीं 2017-18 में यह संख्‍या घट कर 73 हो गई है. 


ऑस्‍ट्रेलिया की कुल आबादी के बराबर है ट्रेनों में रोजाना यात्रा करने वाले वाले यात्रियों की संख्‍या   
भारतीय ट्रेनों में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों की संख्‍या ऑस्‍ट्रेलिया जैसे देश की आबादी के बराबर है. जी हां, मौजूदा समय में भारतीय रेल में रोजाना 23 मिलियन से अधिक यात्री सफर करते हैं. इन यात्रियों को गंतव्‍य तक पहुंचाने के लिए रोजाना 12 हजार यात्री ट्रेन सात हजार स्‍टेशनों के बीच दौड़ती हैं. 


मानव रहित क्रॉसिंग में कब कितने हादसे
2014-15 - 50
2015-16 - 29
2016-17 - 20




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