Tuesday, 27 September 2022

भारत से रिश्ते सुधारे पाकिस्तान, जयशंकर ने F-16 पर लगाई फटकार तो अब बदले अमेरिका के सुर

वॉशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत के साथ रिश्‍ते सुधारने में टालमटोल कर रहे पाकिस्‍तान को कड़ा संदेश दिया। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ सोमवार को मुलाकात में ब्लिंकन ने पाकिस्‍तान और भारत के बीच 'रचनात्‍मक' संबंधों पर जोर दिया। उन्‍होंने पाकिस्‍तान से भारत के साथ एक जिम्‍मेदारी भरा संबंध बनाने का आह्वान किया। ब्लिंकन का यह बयान ऐसे समय पर आया है कि जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्‍तान के एफ-16 फाइटर जेट को 45 करोड़ डॉलर की अमेरिकी सहायता दिए जाने का जोरदार तरीके से विरोध किया है। ब्लिंकन ने बिलावल के साथ मुलाकात के बाद कहा, 'आज हमारी चर्चा हुई है। हमने भारत के साथ रिश्‍तों के प्रबंधन के महत्‍व को लेकर बातचीत की है।' उन्‍होंने इस बातचीत के बारे में और ज्‍यादा विवरण नहीं दिया। इससे पहले पाकिस्‍तान के साथ एफ-16 विमान के समझौते पर जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता नेड प्राइस से सवाल किया गया तो उन्‍होंने कहा था कि अमेरिका का भारत और पाकिस्‍तान के साथ अलग-अलग रिश्‍ता है। उन्‍होंने कहा कि हम हर वह चीज करना चाहते हैं जिससे इन दोनों ही पड़ोसी देशों के बीच रिश्‍ते जितना संभव हो, रचनात्‍मक हो सके। जयशंकर ने अमेरिका को जमकर फटकार लगाई इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्‍तान को एफ-16 सहायता देने को लेकर अमेरिका को जमकर फटकार लगाई थी। जयशंकर ने कहा था कि हर कोई जानता है कि F-16 फाइटर जेट का कहां और किसके खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'आप इस प्रकार की बातें कहकर किसी को मूर्ख नहीं बना सकते।' पाकिस्‍तानी एफ-16 को लेकर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अमेरिका के रक्षा मंत्री से कड़ा विरोध दर्ज करा चुके हैं। साल 2019 में भारत ने कश्‍मीर में हवाई संघर्ष में पाकिस्‍तान के एक एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया था। विश्‍लेषकों का कहना है कि पाकिस्‍तान को भले ही अमेरिका ने एफ-16 का पैकेज दिया हो लेकिन भारत अभी भी इस पूरे हिंद प्रशांत इलाके में सबसे महत्‍वपूर्ण सहयोगी बना रहेगा। यही नहीं चीन की दादागिरी के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में जिस तरह के रणनीतिक हालात पैदा हो रहे हैं, उसमें पाकिस्‍तान अमेरिका के लिए फिट भी नहीं बैठता है। हालांकि अब शहबाज राज में अमेरिका के साथ अपने रिश्‍ते को पूरी तरह से नहीं तोड़ना चाहता है और यही वजह है कि ये हथियारों का पैकेज उसे दिया गया है। बिलावल ने अमेरिका से उठाया कश्‍मीर का मुद्दा कई विश्‍लेषक इसे पाकिस्‍तान को चीन के खेमे में पूरी तरह से जाने से रोकने के प्रयास के रूप में भी देखते हैं। इसीलिए बाइडन ने भी पाकिस्‍तान को बाढ़ में मदद देने के लिए दुनिया से आह्वान संयुक्‍त राष्‍ट्र में किया था। इस बीच बताया जा रहा है कि एंटनी ब्लिंकन ने पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के पहले भारतीय विदेश मंत्री से जयशंकर से मुलाकात की है। बैठक में बिलावल ने भारत और कश्‍मीर को लेकर पाकिस्‍तानी रुख से अमेरिकी विदेश मंत्री को अवगत कराया। इसके बाद उन्‍हें ब्लिंकन ने भारत के साथ रिश्‍ते सुधारने की नसीहत दे डाली। इन तीनों ही नेताओं की मुलाकात को अब बेहद अहम माना जा रहा है।


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