Friday 11 November 2022

दिल्ली शराब घोटाला: 'सबूत मिटाने के लिए बदल दिए सवा करोड़ के 140 फोन'

नई दिल्ली: दिल्ली के शराब घोटाले में ईडी ने अदालत में बड़ा दावा किया है। अदालत से दो कारोबारियों की कस्टडी की मांग करते हुए ईडी ने कहा कि इस घोटाले में दिल्ली के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया समेत कुल 34 आरोपी हैं। केंद्रीय एजेंसी ने दावा कि आरोपियों 1.2 करोड़ रुपये के 140 मोबाइल का इस्तेमाल किया ताकि डिजिटल सबूत को मिटाया जा सके। यही नहीं, सरकारी अधिकारियों को शराब कार्टल से 100 करोड़ रुपये घूस भी मिले हैं। स्पेशल जज एमके नागपाल की अदालत में दाखिल आवेदन में ईडी ने दावा किया है कि शराब घोटाले में शामिल या जिनपर शक था उन्होंने बड़ी संख्या में मोबाइल बदले। इनका मकसद इस दौरान के डिजिटल सबूत को नष्ट करना था। इसमें सभी मुख्य आरोपी, शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, दिल्ली के एक्साइज मिनिस्टर और अन्य संदिग्ध शामिल हैं। फोन बदलने की टाइमिंग बताती है कि जैसे ही घोटाला का पर्दाफाश हुआ वैसे ही इसे बदला गया। कोर्ट ने बाद में बेनी बाबू और पी सरथ चंद्र को 7 दिन की ईडी की हिरासत मंजूर कर ली। ईडी ने दावा किया कि जांच के दौरान दिल्ली शराब घोटाले में शामिल कई लोगों को कुछ चुनिंदा बिजनेस घरानों को चुनने के लिए 100 करोड़ रुपये की घूस भी मिली। जांच में यह भी पता चला कि ये घूस राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने दिल्ली में शराब की दुकान खोलने की इजाजत देने के लिए मांगी थी। बीजेपी ने आप को घेरा भाजपा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता संबित पात्रा ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने ईमानदार सरकार का वादा किया था, उन्होंने दिल्ली आबकारी ‘घोटाले’ के सबूत मिटाने के लिए 140 फोन नष्ट किए। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली आबकारी नीति की प्रति उसकी अधिसूचना से पहले ही लीक कर दी गई। पात्रा ने एमसीडी चुनाव में किए गए वादों पर कहा कि जिन लोगों के नाम पर वारंट जारी किए गए हैं, वे ‘गारंटी’ नहीं दे सकते। पात्रा ने दावा किया शराब नीति को 5 जुलाई 2021 को जारी किया गया। लेकिन इस पॉलिसी की कॉपी मनीष सिसोदिया के दोस्तों जिसमें शराब बनाने वाले कार्टल शामिल थे, उन्हें यह पॉलिसी 31 मई 2021 को ही लीक कर दी गई थी।


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