Sunday 20 November 2022

आंखों पर काला चश्मा, कड़क सफेद कपड़े... सूरत की इस सीट पर यूपी स्टाइल में क्यों प्रचार कर रहा यह प्रत्याशी?

सूरत: गुजरात विधानसभा चुनाव में हमारी टीम सूरत पहुंची। पूरे सूरत में प्रचार-प्रसार नजर नहीं आ रहा था। न झंडे दिख रहे थे न बैनर। शहर की कुछ गलियों में प्रत्याशी या समर्थक प्रचार करते नजर आ जाते। गलियों में ही पार्टियों के पोस्टर बैनर नजर आ रहे थे। हम उधना पर बीआरटी के पास खड़े थे। तभी तेज शोर सुनाई सुना। दो दिनों में पहली बार ऐसा था जब किसी पार्टी के प्रचार का गाना सुनाई दे रहा था। पीछे पलटकर देखा तो एक मार्च का लंबा काफिला आता नजर आ रहा था। ओपन जीप, ओपन रूफ की कारें और दर्जनों बाइकें। प्रचार रैली में सबसे आगे प्रत्याशी की खुली जीप। सफेद रंग के कुर्ते पैजामे में पहला प्रत्याशी नजर आया। लंबे बाल और आंखों पर काला चश्मा। गले में गेदें के फूलों की माला पहने प्रत्याशी हाथ जोडे खड़ा था। लंबा काफिला बगल से गुजरा तो हम लोग भी इस काफिले के पीछे चल दिए। मन में उत्सुकता थी क्योंकि यह पहला ऐसा प्रत्याशी था, जिसका प्रचार यूपी, बिहार और महाराष्ट्र चुनाव जैसा था। प्रत्याशी की छवि भी गुजरात के अन्य प्रत्याशियों से एकदम अलग नजर आ रही थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार एक गाना खूब चर्चा बना, यह गाना था, 'जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे, यूपी में फिर से हम भगवान लहराएंगे।' यह गाना गुजरात विधानसभा चुनाव में सुनाई पड़ा लेकिन यह बीजेपी के प्रचार का गाना नहीं था, बल्कि बहुजन समाज पार्टी का था। इस गाने को थोड़ा ट्विस्ट किया गया। बीएसपी ने प्रचार में इस गाने को कुछ इस तरह बनवाया है, 'जो भीम को लाए थे, हम उनको लाएंगे, चप्पे-चप्पे पर हम, नीला लहराएंगे।' 'वक्त खराब हो सकता है, रक्त नहीं' प्रत्याशी से बात की तो पता चला कि उनका नाम सुरेश सोनवणे था। मराठी सुरेश का यूपी बिहार जैसा प्रचार खूब चर्चा का विषय बना। सुरेश बोले, 'हमारा वक्त खराब हो सकता है लेकिन रक्त नहीं।' सुरेश ने कहा कि वह कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस ने उनकी जगह धनसुख राजपूत को टिकट दिया। उन्होंने कहा कि धनसुख को इसलिए टिकट दिया गया क्योंकि उन्होंने रुपया देकर टिकट लिया। वह दलित हैं और धनवान नहीं हैं इसलिए उन्हें कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं बनाया। मायावती आएंगी प्रचार करने? सुरेश सोनवणे ने दावा किया कि वह अपनी उधना विधानसभा सीट से चुनाव जीतेंगे क्योंकि उनकी सीट पर दलित, गरीब और मजदूर वोटर खूब हैं और वे सब उन्हें ही वोट देंगे। उन्होंने कहा कि उनके प्रचार के लिए 25 नंवबर के बाद मायावती सूरत आएंगीं। उनके साथ सतीश चंद्र मिश्रा भी आ सकते हैं। सुरेश बोले, मायावती उनके लिए वोट मांगेंगी तो इसका असर पड़ेगा। सुरेश सोनवणे ने लगाए आरोप सुरेश सोनवणे ने कहा कि सूरत और खासकर उधना विधानसभा में यूपी के बहुत लोग हैं इसलिए वह उनकी स्टाइल में ही प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां उत्तर भारत से आने वाले लोगों को जाति प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता है, जिससे उन्हें कोई भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिलता है। सुरेश ने मोरबी ब्रिज घटना को लेकर तंज कसते हुए कहा कि जब यह घटना हुई तो मोदी ने कहा, 'दीदी ओर दीदी... भ्रष्टाचार का पुल गिरा....अब मोरबी का पुल गिरा, 135 लोगों की जान चली गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।'


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