Monday, 14 November 2022

चिराग पासवान के मध्यावधि चुनाव के दावे के मायने, आखिर ऐसा क्या संकेत मिला? जानिए यहां

पटना: एक समय था जब आरजेडी सुप्रीमो लालू ने तत्कालीन लोजपा प्रमुख को मौसम वैज्ञानिक की संज्ञा दे दी थी। लालू ने कहा था कि रामविलास आने वाली सियासी हवा को पहले ही भांप जाते हैं और उसी के मुताबिक फैसला लेते हैं। इसीलिए सरकार किसी की भी रहे, रामविलास केंद्र में मंत्री रहते हैं। अब रामविलास पासवान के बेटे और वारिस ने भी एक भविष्यवाणी कर दी है। चिराग ने बिहार की सियासत को लेकर एक बड़ा दावा किया है। चिराग ने कहा है कि बिहार में जल्द ही मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं। आखिर क्यों चिराग को ये लग रहा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। चिराग की भविष्यवाणी के मायने सबसे पहले तो ये जानिए कि चिराग पासवान ने कहा क्या? दरअसल रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास ) प्रमुख चिराग पासवान रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला पहुंचे थे। यहां एक मिलन समारोह में शिरकत करने पहुंचे चिराग पासवान ने जनसभा को भी संबोधित किया।उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 'नीतीश कुमार ने अंग्रेजों की तरह डिवाइड एंड रूल के तहत धर्म-जात पर बांट डाला। बिहार में विकास से ज्यादा नीतीश कुमार ने बिहारियों को बांटने का काम किया है।' इसी दौरान चिराग पासवान ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि 'बिहार में मध्यावधि चुनाव होना तय है। क्योंकि जिस तरह से पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। ऐसे में लोकसभा के चुनाव के साथ ही विधानसभा का चुनाव बिहार में होना तय है।' क्या 2025 नहीं देख पाएगी महागठबंधन सरकार? चिराग की इस भविष्यवाणी के दो बड़े मायने निकल कर सामने आ रहे हैं। इन मायनों को देखें तो बहुत कुछ काफी हद तक साफ हो जाता है। आइए आपको बताते हैं कि कैसे... पहला मायना- गौर करने वाली बात है कि चिराग ने ये कहा कि लोकसभा चुनाव के साथ ही बिहार में मध्यावधि चुनाव। चिराग को ऐसा लग रहा है कि लोकसभा चुनाव आते-आते नीतीश के पीएम पद की दावेदारी पर संपूर्ण विपक्ष की मुहर नहीं लग पाएगी। ऐसे में नीतीश महागठबंधन से अलग होने का फैसला ले सकते हैं। लेकिन बीजेपी उनके साथ नहीं जाएगी। इस वजह से उन्हें सरकार भंग करने का काम करना पड़ेगा। दूसरा मायना- दूसरा मायना ये कि चिराग ने पिछले साल भी कहा था कि बिहार में मध्यावधि चुनाव होंगे।ये पिछले साल अगस्त की बात है। तब चिराग ने शिवहर में कहा था कि बिहार में मध्यावधि चुनाव का होना तय है। चिराग के उस बयान के बाद ( वो बयान ) ठीक एक साल पूरे होते ही नीतीश ने NDA से नाता तोड़ लिया और महागठबंधन के साथ सरकार बना ली। हालांकि इसमें परिस्थितियों ने अहम भूमिका निभाई। इसके लिए दो दिन पहले से ललन सिंह ने आरसीपी के बहाने तगड़ी भूमिका बांधी। आगे क्या होगा?ये भी चिराग पासवान का एक दावा ही है। अब इस दावे में कितना सच और कितना अनुमान है, ये तो भविष्य बताएगा। लेकिन ताजा सूरत तो यही कह रही है कि फिलहाल महागठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। ना तो नीतीश और ना ही तेजस्वी चाहेंगे कि लोकसभा चुनाव से पहले अलगाव हो। आगे क्या होता वो तो लोकसभा चुनाव के बाद पता चल ही जाएगा।


from https://ift.tt/Rgx9i32

Related Posts:

0 comments: