Thursday 10 November 2022

ज्वाइनिंग के 2 दिन बाद ही छंटनी, फेसबुक वाली कंपनी ने इस भारतीय के साथ क्या कर डाला!

नई दिल्ली : आपकी दुनिया की दिग्गज कंपनी में जॉब (Job) लगे। आप कनाडा (Canada) जाकर जॉब जॉइन करें और दो दिन बाद ही आपको बताया जाए कि आपकी नौकरी चली गई है। निश्चित रूप से यह एक बहुत दुखदायी स्थिति होगी। भारत के एक व्यक्ति हिमांशु (Himanshu) के साथ ऐसा ही हुआ है। वे फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा (Meta) में जॉब करने के लिए कनाडा गए। जॉइनिंग के दो दिन बाद ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। वे कंपनी में हुई भारी छंटनी (Meta lay off) का शिकार हो गए। अब वे एक विकट स्थिति में फंस गए हैं। नौकरी करने कनाडा आए और दो दिन में ही जॉब चली गई। मेटा प्लेटफॉर्म इंक ने बुधवार को 11,000 कर्मचरियों की छंटनी की है। लिंक्डइन पोस्ट में बयां किया दुख मेटा ने एक ही झटके में 11 हजार कर्मचारियों को निकाल दिया। हिमांशु भी इसमें शामिल है। उन्होंने एक लिंक्डइन पोस्ट में अपना दुख बयां किया है। उन्होंने लिखा, 'इस समय जो भी इस तरह की कठिन परिस्थिति का सामना कर रहा है, मुझे उसके लिए बहुत दुख हो रहा है। अब मेरा क्या होगा? इमानदारी से कहूं, तो मेरे पास कोई आइडिया नहीं हैं। आगे क्या होगा मैं उसका इंतजार कर रहा हूं। अगर आपको कनाडा या भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए किसी हायरिंग या पोस्ट के बारे में जानकारी है, तो कृपया मुझे बताएं।' हिमांशु के लिंक्डइन पोस्ट के अनुसार, उन्होंने फ्लिपकार्ट, गिटहब और एडोब जैसे ब्रैंड्स के साथ काम किया है। मेटा ने छंटनी के पीछे बताई यह वजह मेटा ने कहा कि उसने कंपनी की लागत को कम करने के लिए छंटनी का फैसला लिया है। कंपनी के अनुसार, बढ़ी हुई लागत मुनाफे को खा रही है और इससे राजस्व में गिरावट हो रही है। इससे पहले एलन मस्क (Elon Musk) के ट्विटर और माइक्रोसॉफ्ट ने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर निकाला है। ट्विटर (Twitter) ने पिछले हफ्ते अपने आधे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। 13 फीसदी कर्मचारियों को हटाया मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग () ने बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'आज मैं आपसे मेटा के इतिहास के कुछ सबसे कठिन फैसले शेयर कर रहा हूं। मैंने अपनी टीम के आकार को 13 फीसदी घटाने का फैसला लिया है। इससे हमारे 11,000 प्रतिभाशाली कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी।' फेसबुक, इंस्टाग्राम (Instagram) और वॉट्सएप (WhatsApp) तीनों की पेरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक (Meta Platforms Inc) ही है। मेटा में छंटनी से पहले 87,000 कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी ने इनमें से 13 फीसदी कर्मचारियों को बाहर किया है। मिलेगा 16 हफ्ते का बेसिक वेतन जकरबर्ग ने आगे कहा, 'हम विवेकाधीन खर्च में कटौती करके और हायरिंग फ्रीज करने जैसे अतिरिक्त कदम उठा रहे हैं, जिससे कंपनी को अधिक कुशल बनाया जा सके।' कंपनी ने कहा कि इन कर्मचारियों को सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए दो अतिरिक्त सप्ताह के साथ 16 हफ्ते का बेसिक वेतन दिया जाएगा। कर्मचारियों को छह महीने के लिए हेल्थकेयर खर्च भी मिलेगा।


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