नई दिल्ली: कारोबारियों के लिए इस साल का धनतेरस () कुछ खास है। दो साल तक कोरोना के साए में त्योहार मनाने के बाद पहली बार लोग खुले मन से त्योहार (Festival) मना रहे हैं। इस बार लोगों में त्योहार मनाने का उत्साह है तो कारोबारी भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तरह तरह के उपाय कर रहे हैं। इनमें मेकिंग चार्ज में छूट (Making Charge Discount), कई डिजाइन के जेवर खरीदने पर स्पेशल डिस्काउंट (Special Discount on Gold), क्रेडिट कार्ड से पेमेंट पर कुछ और छूट आदि शामिल हैं। सज गए दिल्ली के बाजार दिल्ली के विभिन्न इलाकों में धनतेरस का बाजार सज चुका है। खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ बाजार में पहुंच रही है। उम्मीद लगाई जा रही है कि आज और भी ज्यादा संख्या में खरीदार सोना-चांदी की जूलरी खरीदने दुकान पर जाएंगे। यही वजह है कि दिल्ली में आभूषणों के सबसे बड़े और मशहूर बाजार कूचा महाजनी तथा दरीबा कलां में बाउंसर्स तक की ड्यूटी लगानी पड़ी। आभूषण व्यापारियों का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जो काम पिछले दो साल काफी कम रहा, वह इस साल काफी अच्छा है। इस साल 25 फीसदी ज्यादा बिक्री की उम्मीद दिल्ली बुलियन एंड ज्वैलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान विमल गोयल का कहना है कि इस साल ना तो कोरोना का डर है और ना ही कोई प्रतिबंध। इस वजह से अच्छी खासी संख्या में खरीदार बाजार तक पहुंच रहे हैं। कारोबारियों का मानना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल बिक्री में कम से कम 25 फीसदी का तो इजाफा होगा ही। उनका कहना है कि सोना इस समय 50 हजार रुपये प्रति दस ग्राम से नीचे आ गया है। 22 कैरेट का दाम तो और भी कम है। यह ग्राहकों के लिए सोना खरीदने का बढ़िया अवसर है। धनतेरस पर हल्के गहनों की रहेगी डिमांड गोयल का कहना है कि धनतेरस पर हल्के गहनों की ही डिमांड रहेगी। उनका कहना है कि ज्वैलर्स ने इस बार धनतेरस के लिए हल्के जेवरों की डिजाइन तैयार की है। इस समय कान के बुंदे और झुमके आदि को इस तरह से डिजाइन किए जा रहे हैं कि वे करीब पांच ग्राम वजन में ही बन जाएं। ऐसे जेवर ग्राहकों को भी पसंद आते हैं और उनकी जेब पर भी ज्यादा भार नहीं पड़ता है। अब बस रिटेल की बिक्री रह गई है सोना-चांदी के थोक कारोबारियों का कहना है कि जो गहने बनाने का कारखाना चलाते हैं, उनका माल तो पहले ही बिक गया है। बस अब रिटेल की बिक्री बची है जो कि आज और कल चलेगी। बांकी रविवार को यहां सर्राफा बाजार में तो साप्ताहिक बंदी रहती है।
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