नई दिल्ली : एक ऐसा फल जो हर रोज आपको घरों में यूज होता है। लेकिन हो सकता है कि आपको उसके बारे में पता नहीं हो। हम पाम के फल की बात कर रहे हैं। खाने के तेल से लेकर शैम्पू, टूथपेस्ट, चॉकलेट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसी तमाम चीजों में यह फल यूज होता है। आपके किचन से लेकर बाथरूम तक पाम ऑयल से बने प्रोडक्ट मौजूद होंगे। पाम का तेल काफी सस्ता होता है। इसलिए दुनियाभर में इसका खूब इस्तेमाल होता है। पाम के फल से पाम ऑयल (Palm Oil) निकलता है। यह दिखने में जितना सुंदर है, इसकी अहमियत भी उतनी ही अधिक है। यहां होती है बंपर पैदावार इसकी सबसे अधिक पैदावार इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों में होती है, जहां की अर्थव्यवस्था में इसका एक अहम योगदान है। अभी भारत करीब 90 लाख टन पाम ऑयल आयात करता है। इसमें से 70 फीसदी पाम ऑयल का आयात तो इंडोनेशिया से ही होता है, जबकि बाकी का 30 फीसदी पाम ऑयल मलेशिया से आता है। खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा सिर्फ पाम ऑयल है। दुनियाभर में है भारी डिमांड यह बेहद सस्ता तेल है, ऐसे में इसकी मांग दुनिया भर में रहती है। दुनिया भर के करीब 50 फीसदी घरेलू उत्पादों में इसका इस्तेमाल होता है। पाम ऑयल का इस्तेमाल शैम्पू, नहाने के साबुन, टूथपेस्ट, विटामिन की गोलियां, मेक-अप आइटम, चॉकलेट आदि में भी होता है। यानी एफएमसीजी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां पाम ऑयल की एक बड़ी ग्राहक हैं। बायो-फ्यूल का भी करता है काम पेट्रोल-डीजल में जहां कहीं जैविक ईंधन या बायो-फ्यूल मिलाया जाता है, वह दरअसल पाम ऑयल ही होता है। यानी गाड़ियों के चलने में भी पाम ऑयल का अहम रोल है। पाम ऑयल पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय वनस्पति तेल है। कई जगह तो इसका इस्तेमाल कर के बिजली भी बनाई जाती है। पाम के होते हैं जंगल यह पेड़ पर उगता है, जो खजूर के पेड़ जैसा होता है। इसके फल भी खजूर जैसे ही होते हैं। बड़े-बड़े इलाकों में दूर-दूर तक इसकी खेती होती है। भारत सरकार भी इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए मिशन चला रही है। अगर आप 1 एकड़ में सरसों की खेती करते हैं और 1 एकड़ में पाम की खेती करें तो आपको उतनी ही जगह में पाम से सरसों की तुलना में तीन गुना तेल मिलेगा।
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