Wednesday 19 October 2022

पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा के बाद अब रियासतों के गौरव गान की तैयारी, जानिए PM मोदी का प्लान

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केवड़िया के खाते एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ेगी। नर्मदा जिले के स्थित केवड़िया में अभी लौह पुरुष सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित है। पिछले सात सालों में केवड़िया तमाम राष्ट्रीय कांफ्रेंस का केंद्र बनाकर उभरा है। देश को एकता के सूत्र में पिराने वाले सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रहते हुए देखा था, जो उनके पीएम बनने के बाद पूरा हुआ। के प्रोजेक्ट की पूरे देश में खूब चर्चा हुई थी और प्रत्येक राज्य से मूर्ति के निर्माण के लिए लोहा भी इकट्ठा किया गया था। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया था। 562 रियासतों का संग्रह अब पीएम मोदी ने केवड़िया पार्ट-2 का ऐलान किया है। इसमें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर ही देश के तमाम राजे-रजवाड़े जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए राज शासन दे दिए थे। उनका म्यूजियम (संग्रहालय) बनेगा। प्रधानमंत्री संग्रहालय की तर्ज पर यह म्यूजिमय भी बेहद हाईटेक और आर्कषक होगा। इसमें आजादी के वक्त देश में मौजूद रियासतों की स्थिति और उनके इतिहास के साथ-साथ उनकी अच्छी बातों को प्रदर्शित किया जाएगा। सरदार पटेल ने आजादी के बाद देश में मौजूद रियासतों को एकजुट करके देश को एकता के सूत्र में बांध दिया था। पीएम मोदी के म्यूजियम प्लान को केवड़िया पार्ट-2 के तौर पर देखा जा रहा है। इस म्यूजियम के निर्माण के बाद केवड़िया पहुंचने वाले लोग वर्तमान के साथ अतीत को देखेंगे और सरदार पटेल के काम पर गर्व करेंगे। सरदार पटेल ने लगभग 562 देशी रियासतों को भारत में मिलाकर भारत को एक सूत्र में बांधा और भारत को मौजूदा स्वरूप दिया। डिजाइनिंग-रिसर्च शुरू स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (SOU) के पास बनने वाले इस म्यूजियम की डिजाइनिंग का काम शुरू हो गया है। डिजाइनिंग के साथ-साथ रिसर्च का काम भी चल रहा है। कि पहले के राजे-राजवाड़े कैसे हुआ करते थे? क्या-क्या करते थे? कितना बड़ा देश समाज का भला करने का काम किया। उसको दर्शाया जाएगा। केवड़िया में बनने वाले इस म्यूजियम की प्रगति की निगरानी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय के पास है। इसमें तमाम यूनीवर्सिटी और विभागों की मदद ली जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पंच प्रणों का जिक्र किया था। इसमें अपनी विरासत के अपने प्रति गर्व करना भी शामिल था। यह म्यूजियम केवड़िया को जहां और बड़ा केंद्र बनाएगा तो वहीं अतीत और देश की विरासत को संरक्षित करेगा। देश की युवा पीढ़ी यहां आकर करके अतीत को अच्छे से जान पाएगी और सरदार पटेल के बेहद कठिन तप को नमन कर सकेगी। प्रधानमंत्री ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर स्थल की प्रगति की समीक्षा में इस इस ड्रीम प्रोजेक्ट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि केवड़िया के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हमें भारत की एकता और अखंडता के लिए किए गए प्रयासों, दृढ़ता और तपस्या की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि केवड़िया में बनने वाले म्यूजियम हमें अतीत से जोड़ेगा।


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