इस्लामाबाद: 'पाकिस्तान दुनिया का सबसे खतरनाक देश है, जिसके पास बिना किसी निगरानी के परमाणु हथियार हैं।' यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये बयान देकर दुनिया के सामने पाकिस्तान की पोल खोल दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के पास 160 परमाणु बम हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति का ये बयान अचानक से एक बदले हुए रुख की ओर इशारा कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर कुछ दिन पहले के घटनाक्रमों पर ध्यान दें तो जैसे अमेरिका ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में पाकिस्तान को अपना 'सबसे बड़ा सहयोगी' मान लिया था। ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंध को पलटते हुए अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को F-16 विमानों के रखरखाव के लिए आर्थिक पैकेज देने की घोषणा की थी। विश्लेषकों का मानना था कि रूस से लगातार तेल खरीद रहे भारत पर अमेरिका दबाव बना रहा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को 'आजाद जम्मू कश्मीर' बताना हो या फिर अमेरिका में जनरल बाजवा का भव्य स्वागत करना हो, पिछले कुछ दिनों में अमेरिका ने हर वह काम किया है, जिस पर भारत को है। हालांकि अमेरिका के हर एक कदम पर भारत ने सीधा-सीधा जवाब दिया है। भारत के विरोध से बदल रहा अमेरिका का रुखअमेरिका इस बात को बहुत अच्छे से जानता है कि चीन के खिलाफ हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत उसका सबसे बड़ा सहयोगी है। पाकिस्तान पहले से ही चीन की गोद में बैठा है। लेकिन फिर भी रूस-भारत की दोस्ती देख कर अमेरिका ने हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जो भारत को पसंद नहीं आए। अमेरिका के हर फैसले पर भारत ने कड़ा रुख दिखाया है और निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ा। पाकिस्तान के साथ F-16 डील पर तो विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका को उसी की धरती पर सुना दिया था। विदेश मंत्री ने सितंबर में अमेरिका में कहा था, 'हर किसी को पता है कि पाकिस्तान F-16 जहाजों का इस्तेमाल किसके खिलाफ (भारत) करता है।' ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जयशंकर ने एक बार फिर कहा कि रूस से भारत ने हथियार सिर्फ इसी लिए खरीदे क्योंकि लंबे समय तक पश्चिमी देशों ने भारत की जगह पड़ोस की सैन्य तानाशाही (पाकिस्तान) को हथियार दिया। भारत के सख्त रुख से अमेरिका के तेवर नरमभारत लगातार अपने सख्त बयानों से अमेरिका को बताता रहा है कि पाकिस्तान से दोस्ती भारत के साथ रिश्तों में खटाई की तरह काम करेगी। भारत के हर रुख पर अमेरिका ने स्थिति संभालने की कोशिश की है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी-2022 में देखने को मिला है। 48 पन्नों के इस डॉक्यूमेंट में अमेरिका ने चीन को सबसे बड़ा खतरा बताया है। इस डॉक्यूमेंट में अमेरिका ने भारत को सबसे बड़ा मित्र यानी एलाई (Ally) बताया है। Ally शब्द पार्टनर से बढ़कर होता है। डॉक्यूमेंट में अमेरिका ने 8 बार भारत का जिक्र किया है। वहीं, पाकिस्तान का एक बार भी जिक्र नहीं हुआ है। पाकिस्तान को सबसे बड़ा खतरा क्यों बता रहा अमेरिकापाकिस्तान को अमेरिकी राष्ट्रपति ने सबसे बड़ा खतरा क्यों बताया है? अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के निकले के बाद अब उसे एक सैन्य बेस की जरूरत है। पाकिस्तान के पत्रकार नजम सेठी ने का दावा है कि अमेरिका को डर है कि अफगानिस्तान में फिर से आतंकी संगठन न आ जाएं, अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान में खतरा बढ़ेगा और इससे अमेरिका को खतरा होगा। इसलिए अमेरिका अब सैन्य बेस चाहता है। ताकि इन आतंकी संगठनों को मॉनिटर किया जा सके और जरूरत पड़ने पर हमला किया जा सके। नजम सेठी ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान में 1 से 2 बेस चाहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से है, उससे अमेरिका को पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर निशाना साधने का मौका मिल जाता है। अमेरिका को डर है कि पाकिस्तान के परमाणु बम आतंकियों के हाथ में न पहुंच जाएं।
from https://ift.tt/ves3zcU
0 comments: