नई दिल्ली: भारतीय सड़कों पर कारों की संख्या में खूब बढ़ोतरी हुई है। लेकिन यह सुन कर बेहद अजूबा लगेगा कि 70 फीसदी से ज्यादा कारों में लोग अकेले सफर करते हैं। बहुत हुआ और एक को-पैसेंजर को बिठा लिया। इसका खुलासा एमजी मोटर इंडिया के एक सर्वे से हुआ है। इससे यह भी पता चला है कि करीब 74 फीसदी ऑनर्स हर रोज पार्किंग की प्रॉब्लम फेस करते हैं। ने आज अर्बन मोबिलिटी हैप्पीनेस सर्वे (Urban Mobility Happiness Survey) को जारी किया। नील्सन द्वारा किए गए इस सर्वे देश के प्रमुख शहरों में रहने वाले लोगों की मेबिलिटी पैटर्न का अध्ययन किया गया है। इसमें बताया गया है कि कार ऑनर्स को आने-जाने के दौरान किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, दिल्ली एनसीआर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता के 18 से 37 वर्ष की आयु के पुरुष और महिलाओं को शामिल किया गया है। सर्वेक्षण से मुख्य खुलासे इस प्रकार हैं:-
71% कार मालिक अकेले या एक को-पैसेंजर्स के साथ यात्रा करते हैं
भारतीय शहरों में अधिकांश कार-मालिकों के बीच साझा गतिशीलता (Shared mobility) एक लोकप्रिय प्रथा नहीं है। सर्वेक्षण में लगभग 71% उत्तरदाताओं ने स्वीकारा किया वे अपनी कार को अकेले या अधिक से अधिक एक अन्य यात्री के साथ ट्रेवल करते हैं। केवल 1% उत्तरदाताओं ने कहा कि वह हमेशा एक से अधिक यात्रियों के साथ यात्रा करते हैं। मतलब कि पेट्रोल या डीजल तो पूरा फुंक रहा है लेकिन अकेली सवारी यात्रा कर रही है।73% शहरी यात्रियों को चाहिए पर्सनल व्हीकल
इससे पता चला है कि शहरों में कारों का उपयोग आमतौर पर आसपास ही आने-जाने के लिए किया जाता है। 73% उत्तरदाताओं ने बताया कि वे कार का उपयोग दैनिक काम या कभी-कभी पड़ने वाले काम के लिए करते हैं। कुछ ने बताया कि वे कॉलेज जाने के लिए कार का उपयोग करते हैं। कुछ शहरी कार-मालिक अपनी कारों का उपयोग घरेलू कामों, खरीदारी, सामाजिक सैर और सप्ताहांत यात्राओं के लिए भी करते हैं। सर्वेक्षण में शामिल 38% लोगों ने बताया कि वे इमर्जेंसी में अपनी कारों का उपयोग करते हैं।पेट्रोल अभी भी पसंदीदा ईंधन
अधिकतर कार मालिक अभी भी पेट्रोल ईंधन को ही पसंद कर रहे हैं। हालांकि फॉसिल फ्यूल्स के साथ पर्यावरण संबंधी दिक्कतें भी होती हैं। तब भी अधिकतर लोग अभी भी पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का ही पक्ष लेते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, 50% उत्तरदाताओं के पास पेट्रोल वाहन हैं, जबकि 35% के पास डीजल वाहन हैं। बहरहाल, कार मालिकों के बीच वैकल्पिक पावरट्रेन के प्रति रूझान बढ़ रहा है।जाम का झाम सभी शहरों में
चाहे आप दिल्ली की बात करें या मुंबई की, सभी जगह जाम की समस्या है। यही नहीं, अब तो पटना, कानपुर, भोपाल, वाराणसी जैसे शहरों में भी जाम की समस्या हो गई है। सर्वेक्षण में शामिल करीब 71% उत्तरदाताओं ने अपने दैनिक काम या कॉलेज जाने के लिए 30 मिनट से एक घंटे से अधिक समय व्यतीत करने की सूचना दी। कम से कम 61% उत्तरदाताओं ने पांच साल पहले के अपने सामान्य यात्रा समय की तुलना में यात्रा के समय में वृद्धि का अनुभव करना स्वीकार किया।from https://ift.tt/rFn9gUo
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