जयपुर: इंग्लैंड में भारत के लोकतंत्र पर खतरे की बात कहकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। बीजेपी लोकसभा में लगातार राहुल गांधी से माफी की डिमांड कर रहा है। राहुल गांधी ने विदेश में देश का अपमान किया है इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी राहुल गांधी पर धुआंधार हमले कर रही है। गृहमंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम नेता राहुल गांधी को निशाने पर लिए हुए हैं। बीजेपी का सोशल मीडिया ग्रुप राहुल गांधी को देशद्रोही ठहराने के लिए तमाम कैंपेन चल रही है। ऐसे में राजस्थान के पूर्व डेप्युटी सीएम सचिन पायलट ढाल बनकर सामने आए हैं। बीजेपी की ओर से लगातार हमले झेल रहे ने खुलकर बयान दिया है। पायलट का यह बयान इसलिए मायने रखता है क्योंकि राजस्थान पॉलिटिक्स में सीएम अशोक गहलोत उनपर लगातार यह कहकर हमलावर हैं कि सचिन पायलट विश्वासपात्र नेता नहीं हैं। मानसेर रेसॉर्ट कांड के बाद अशोक गहलोत के मुकाबले सचिन पायलट पर आरोप लगते रहे हैं कि वह कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रति वफादार नहीं हैं। मानसेर प्रकरण के बाद से सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच इस बात की प्रतिस्पर्धा दिखती है कि कौन कांग्रेस और गांधी परिवार का ज्यादा हितैषी और भरोसेमंद है।
राहुल के बचाव में सचिन पायलट ने क्या कहा?
एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे सचिन पायलट ने राहुल गांधी के लोकतंत्र खतरे में है वाले बयान पर कहा, 'जब ऐसी ताकतें जब लोगों को बोलने से, बात रखने से, मीडिया में अपनी आवाज बुलंद करने में अगर कहीं लोगों को संकोच होता है, भय पैदा होता है। अनावश्यक दबाव आता है, न्यायपालिका पर, ब्यूरोक्रेसी पर, मीडिया पर। और सभी इस बात का अहसास करते हैं, तो यह सवाल उठाना लाजिमी है।' पायलट ने आगे कहा 'मैं ऐसा मानता हूं कि अगर आप सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं, तो आप देश के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं। हमारा लोकतंत्र अगर स्वस्थ्य रहे, जीवंत रहे तो सबकी भलाई है। भारत में अनेक पार्टियां आईं और चली गईं। हम लोगों ने बहुत मेहनत से संस्थाओं को सृजित किया है। उनको पोषित किया है। अगर वही संस्थाएं कमजोर हो जाएंगी तो निश्चित रूप से संकट के बादल हमारे ऊपर छाएंगे।'पायलट से जब पूछा गया कि लोकतंत्र मतलब कांग्रेस नहीं है। जब कांग्रेस खतरे में है तो इसका मतलब कतई नहीं है कि लोकतंत्र खतरे में है। इसपर सचिन पायलट ने कहा, 'बिल्कुल सही बात कह रहे हैं, लेकिन कांग्रेस खतरे में है या नहीं यह अलग बात है। इस देश में 40 पार्टियां हैं। लेकिन जो व्यवस्था बनी है, लोगों का जो विश्वास बना है, वह लोकतंत्र में कायम रहना चाहिए। अगर हम किसी चीज को ग्रांटेड लेकर बैठे रहें कि ये तो है ही। ऐसे में तो मुझे लगता है कि सावधान रहना चाहिए। मुझे लगता है जो मैंने खुद कई बार देखा है, कि फ्रीडम ऑफ स्पिच का जो ग्लोबल इंडेक्स है उसमें लगातार भारत का रैंक गिरता जा रहा है। सवाल पूछना गलत नहीं है, दुनिया भर की एजेंसी बोलती हैं जो फ्रीडम पहले हुआ करता था, उसमें आज कहीं ना कहीं कमी आई है। तो कमियां क्यों आई है, कौन लाया इसपर सोचने की जरूरत है। हमें एकजुट होकर सोचना होगा कि सरकारें आई हैं और आती रहेंगी, लेकिन हमारा लोकतंत्र और भी ज्यादा मजबूत हो। इसमें गलत क्या है।'इसी से जुड़े एक एक दूसरे सवाल में पायलट से पूछा गया कि लोकतंत्र का क्या पैमाना है। सीएम किसे बनाएं। जिसके नेतृत्व में चुनाव जीतकर आए या जिसके नेतृत्व में चुनाव हारकर आएं। इसपर सचिन पायलट ने कहा कि हमारी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेस के अंदर हर स्टेट में हर पार्टी की अलग रणनीति होती है। जनता वोट डालती है कैंडिडेट और पार्टी को। जबकि यह पार्टी का निर्णय होता है कि किसे क्या पद देना है। 2013 में जब हमने राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ा था तो हमारी स्थिति बेहद कमजोर थी, उसके बाद पांच साल तक सबने मेहनत की। यह सच है कि मैं राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष था और सबको साथ लेकर काम करने की चेष्टा की। अंत में जो निर्णय लिया वह पार्टी का था, जिसे मैंने स्वीकार किया।यहां गौर करने वाली बात यह है कि सचिन पायलट ने बिना राहुल गांधी का नाम लिए उनका बचाव किया है। जबकि राहुल गांधी के लोकतंत्र खतरे में है वाले बयान पर संसद में कई दिनों से गतिरोध बना हुआ है, लेकिन राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अबतक खुलकर इसपर कुछ भी बयान नहीं दिया है।बता दें कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि लंदन में भारतीय लोकतंत्र के संदर्भ में की गई अपनी टिप्पणी के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यदि माफी मांग लेते हैं तो संसद में गतिरोध खत्म हो सकता है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता ने भारत में मौजूदा स्थिति पर गांधी के दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया और उनसे यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि क्या वह ‘किसी एजेंडे के तहत ऐसा कर रहे हैं’।हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘बर्बर हमला’ हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं। राहुल ने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं। उनकी इन टिप्पणियों से बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। बीजेपी ने उन पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने और विदेशी हस्तक्षेप की मांग करने का आरोप लगाया है जबकि कांग्रेस ने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विदेशों में आंतरिक राजनीति का मुद्दा उठाने के उदाहरणों का हवाला दिया है।from https://ift.tt/0Wsj3Yg
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