नवीन निश्चल,वसंतकुंज, नई दिल्ली: वसंत कुंज के सिंधी कैंप में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो बच्चों की मौत के बाद भी कुत्तों के हमले खत्म नहीं हुए हैं। एक बार फिर इस कैंप के रहने वाले मासूम बच्चों को इन आवारा कुत्तों ने शिकार बनाया है। गनीमत यह रही इस बार मासूम बच्ची की आवाज उसके परिजनों ने सुन ली और उसकी जान बच गई। हालांकि इतने देर में खतरनाक कुत्तों ने 6 साल के मासूम बच्ची के शरीर पर कई सारे जख्म दे दिए। 6 साल की मासूम इस बच्ची का नाम माही है। इसके शरीर पर हर जगह कुत्तों के काटने और खरोचने के जख्म हैं। घटना आज सुबह लगभग 9 बजे की बताई जा रही है।कैसे हुई घटना पूरी बात जानिए माही आज अपने छोटे भाई बहन के साथ झुग्गी के पीछे शौच करने गई थी। इतने में इस जंगल में घात लगाकर बैठे आवारा कुत्तों ने माही पर हमला कर दिया। कुत्ते के हमले के बाद माही की छोटी बहन जैसे तैसे वहां से भागी। कुत्तों के काटते ही 6 साल की माही शोर मचाने लगी। माही की किस्मत अच्छी थी कि उसकी आवाज उसके परिजन और कैंप के लोगों तक पहुंच गई। बच्ची की आवाज सुनते ही सभी लोग जंगल की तरफ दौड़े और वक्त रहते इन आवारा कुत्तों को यहां से भगा दिया। लेकिन उतनी ही देर में आवारा कुत्तों ने माही के शरीर पर कई जगह दांतों से काटकर उसे घायल कर दिया था। घटना के बाद मौके पर पुलिस को बुलाई गई और माही को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल भेजा गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद फिलहाल माही अब ठीक है। लेकिन बीते दिनों में जो घटनाएं हुई है उससे यह साफ कहा जा सकता है कि माही की कुत्तों के हमले के बाद बाल बाल उसकी जान बची है।गलत कुत्तों को पकड़कर लेकर जा रही पुलिसमाही के परिवार वालों नें बताया कि कुत्तों के हमले के कारण 2 बच्चों की जान पहले ही जा चुकी है। उस घटना के बाद से प्रशासन और एमसीडी ने इलाके में थोड़ी बहुत कार्रवाई दिखाई पर हकीकत यह है कि एमसीडी जिन कुत्तों को लेकर के जा रही है, वह इस कैंप में रहने वाले आवारा कुत्ते हैं। जिन्होंने कभी किसी बच्चे को इस कदर शिकार नहीं बनाया। जो कुत्ते इन बच्चों को शिकार बना रहे हैं और उन पर जानलेवा हमला कर रहे हैं वह कुत्ते कैम्प के पीछे इस जंगल में रहते हैं। इस जंगल में कई अन्य जानवर भी रहते हैं। इस घटना के बाद इस जंगल में थोड़ी छानबीन की तो पाया जो कुत्ते बच्चों पर हमले कर रहे हैं वह खुलेआम घूम रहे हैं। अगर देखा जाए तो एमसीडी ने अभी तक उन कुत्तों को पकड़ने का कोई काम नहीं किया है। खानापूर्ति के लिए कैंप में घूमने वाले आवारा कुत्तों को ले जा रही है। स्थानीय लोगों की मांग क्या हैस्थानीय लोगों की मांग है की जो कुत्ते खतरनाक है जो ऐसे जंगलों में घूमते हैं पहले उन्हें पकड़ना चाहिए ताकि उनके बच्चे महफूज रह सकें। इस कैंप की हालत ऐसी है यहां पर लोग अपने मासूम बच्चों की सुरक्षा के लिए रातों की नींद और सुबह का चैन खो दिया है। हर वक्त अब यहां के लोग सतर्क रहते हैं कि कभी कोई बच्चा फिर से शिकार ना हो जाए, लेकिन बावजूद इसके इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही है। लिहाजा यहां के लोगों ने सरकार और प्रशासन से अपील की कि सबसे पहले आवारा कुत्तों को पकड़ा जाए जो बच्चों को शिकार बना रहे हैं। कैंप में रहने वाले आवारा कुत्ते पकड़कर खानापूर्ति करने से इनकी समस्याएं खत्म नहीं होंगी।
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