अहमदाबाद: मोदी सरनेम मानहानि मामले में सूरत कोर्ट के फैसले 24 घंटे के अंदर ही राहुल गांधी की सांसद सदस्यता चली गई। 23 मार्च को आए मानहानि के मुकदमे में राहुल गांधी को सजा दिलवाने के लिए बीजेपी के विधायक काफी कड़ी तैयारी की थी। अप्रैल, 2019 में जब उन्होंने कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था तो राहुल गांधी के कर्नाटक में कोलार में दिए गए बयान को 13 करोड़ लोगों के अपमान से जोड़ा था। इसके अलावा पूर्णेश मोदी ने अपनी अर्जी में मानहानि के दर्जनभर से अधिक मामलों के रेफरेंस देकर पुख्ता अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी। जिसके चलते राहुल गांधी को तीन साल और 11 महीने आठ दिन चले इस केस में कोई राहत नहीं मिल पाई। मोदी ने क्या दी थी दलील बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने अपनी अर्जी में कहा था कि राहुल गांधी चुनावी जनसभा में दिए गए बयान से इस समाज के लोगों को मानसिक पीड़ा और मानहानि हुई। मोदी ने आगे कहा था कि मैं यानी कि मोढ-बनिया समाज से आता हूं। गुजरात में मोदी समाज मोढ़-बनिया समाज के तौर जाना जाता है। पूरे देश में अलग-अलग राज्य में राठोड़, गुप्ता, तेली, मोदी, घांची, चौधरी, दास, चेटियार, शाहु जैसे घटक मोदी समाज में आते हैं। यह उल्लेख करने के बाद पूर्णेश मोदी ने कहा था कि राहुल गांधी के बयान से 13 करोड़ जितनी मोदी जाति के भाईयों का मानहानि और बदनामी हुई है। राहुल गांधी ऐसा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया है। मामले में कब क्या हुआ?
- 14 अप्रैल, 2019: कोर्ट में मानहानि का केस दाखिल किया। उसी दिन केस लिस्ट हुआ
- 9 जुलाई, 2020: कांग्रेस नेता राहुल गांधी सूरत कोर्ट में हाजिर हुए और अपना पक्ष रखा।
- 17 मार्च, 2023 : कोर्ट में मानहानि के केस में अंतिम जिरह के बाद सुनवाई पूरी की।
- 23 मार्च, 2023: कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया और दो साल की सजा सुनाई।
from https://navbharattimes.indiatimes.com/state/gujarat/ahmedabad/modi-surname-row-bjp-mla-purnesh-modi-connected-rahul-gandhi-remark-with13-crores-defamation-modi-community/articleshow/98965066.cms
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