Saturday 25 March 2023

राहुल गांधी: अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान ख़ुर्शीद और कपिल सिब्बल बना रहे रणनीति

मुकेश पाण्डेय, मिर्जापुर: राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है। शनिवार को मिर्ज़ापुर पहुंचे कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि अभिषेक मनु, सलमान खुर्शीद, विवेक और कपिल सिब्बल सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील तैयार कर रहे हैं। सोमवार तक यह तैयार हो जाएगा और मंगलवार या बुधवार तक हाइकोर्ट में इसे दाखिल कर दिया जाएगा। तिवारी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस घटिया राजनीति की जितनी भी आलोचना की जाए कम है।कपिल सिब्बल के नेतृत्व में टीम तैयार कर रही है रिपोर्टशनिवार को राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी मां विंध्यवासिनी दरबार में दर्शन-पूजन के लिए मिर्जापुर पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी पहली रणनीति है कि हम अपील में जाएंगे। हमारी तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान साहब, विवेक तनख्वाह और कपिल सिब्बल अपील तैयार कर रहे हैं। जो विलंब हो रहा है, उसकी वजह जजमेंट का गुजराती भाषा में होना है। जजमेंट 150 पेज गुजराती में है। सुप्रीम कोर्ट तब स्वीकार करता है जब अपील इंग्लिश में होगा। उम्मीद है कि सोमवार को यह फ़ाइल हो जाएगा। मंगलवार या बुधवार तक हाईकोर्ट में भी अपील करेंगे। इसके साथ हम कानूनी राय लेंगे। प्रमोद तिवारी ने आगे कहा कि यह जजमेंट पहली अपील में खारिज हो जाएगा, जहां राहुल की सदस्यता पुनः बहाल हो जाएगी। बीजेपी पर हमला बोलते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमारी दूसरी रणनीति है कि हम पॉलिटिकल लड़ाई लड़ेंगे। जनता के दरबार में जाएंगे। कोर्ट का जजमेंट दोषपूर्ण है। तर्क पर आधारित नही है। यह घटिया राजनीति, गिरी हुई राजनीति और असंसदीय राजनीति है। इस पूरे घटना की जितनी भी आलोचना की जाए कम है। बीजेपी कोर्ट के फैसले का वर्गीकरण कर रही है। उसे अपर कास्ट और बैकवर्ड तथा शेड्यूल कास्ट का बताया जा रहा है। प्रमोद तिवारी ने कहा कि इतिहास को फिर से एक बार दोहराया जा रहा है। इंदिरा गांधी के साथ भी ऐसा ही हुआ था। उसके बाद वो प्रधानमंत्री बन गई। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी होगी और देश से बीजेपी की रवानगी होगी। राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव होने में अभी एक वर्ष है। सभी पार्टियों को इस तानाशाही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करना होगा। देश में लोकतंत्र खतरे में है। जो लोग ऐसा महसूस कर रहे है उन्हें एक मंच पर आना होगा। तानाशाही को रोकने के लिये आगे की यह वक्त की जरूरत है और आवश्यकता है।


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