काबुल: पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सत्ता में काबिज तालिबानी आतंकियों के बीच जंग जैसे हालात हैं। तोर्खम सीमा पर तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच भीषण झड़प भी हुई है और तालिबान ने इस बेहद सीमा को ही बंद कर दिया है। वहीं तालिबान की सुरक्षा में रह रहे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकी पेशावर की मस्जिद से लेकर सेना तक पर खूनी हमले कर रहे हैं। तालिबान की इस दोहरी चाल से घबराए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ नदीम अंजुम के साथ अचानक से काबुल पहुंच गए हैं। तालिबान और पाकिस्तान के बीच तनाव से तोर्खम सीमा बंद है जिससे 6000 से ज्यादा ट्रक दोनों तरफ फंसे हुए हैं। तालिबान के इस खूनी चाल से पाकिस्तान और उसकी सेना परेशान है। पाकिस्तान इस समय कंगाली की हालत से गुजर रहा है और उसकी खराब हालत को देखकर तालिबान और टीटीपी दोनों ने ही अपना दबाव बढ़ा दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि टीटीपी आतंकी जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना कोई बड़ा अभियान नहीं चला सकती है, ऐसे में वे अब लगातार खूनी हमले कर रहे हैं।
पाकिस्तान में खूनी हमले कर रहा है टीटीपी
वहीं पाकिस्तान लगातार तालिबान पर दबाव डाल रहा है कि वह टीटीपी पर ऐक्शन ले लेकिन अफगान सरकार इससे बच रही है। यही नहीं तालिबान का मुखिया भी टीटीपी के प्रति सहानुभूति रखता है। माना जाता है कि अफगानिस्तान में टीटीपी के 10 हजार आतंकी हैं जो पाकिस्तान पर हमला करते रहते हैं। यही नहीं इमरान खान और बाजवा की गलत नीतियों का फायदा उठाकर टीटीपी आतंकी बड़ी तादाद में कबायली इलाके में घुस आए हैं। पाकिस्तानी सेना चाहकर भी इनके खिलाफ ऐक्शन नहीं ले पा रही है। टीटीपी ने पिछले दिनों पेशावर की मस्जिद और कराची में पुलिस मुख्यालय पर भीषण हमला किया था। इन हमलों से घबराए पाकिस्तानी रक्षा मंत्री तालिबान को मनाने के लिए काबुल पहुंचे हैं। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने तालिबान के उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल घनी बरादर अखूंद और अन्य अफगान मंत्रियों से मुलाकात की है। तालिबान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुल्ला बरादर ने पाकिस्तानी जेलों में बंद अफगान नागरिकों का मुद्दा उठाया है। उसने तोर्खम और स्पिन बोल्दाक बॉर्डर पर भी अफगान नागरिकों को सुविधाएं देने के लिए कहा है।from https://ift.tt/IcuWj6x
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