नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक होटल के सैलून में एक महिला के गलत तरीके से बाल काटने के कारण महिला मॉडल को हुई पीड़ा और आर्थिक नुकसान पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के मुआवजे के फैसले को खारिज कर दिया है। NCDRC ने होटल को महिला को 2 करोड़ रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने फैसले को खारिज करते हुए कहा कि वह आईटीसी मौर्य में सैलून की सेवा में खामी के बारे में आयोग के निष्कर्ष में कोई हस्तेक्षप नहीं करेगा। कोर्ट मामले को NCDRC को भेज दिया ताकि महिला को मुआवजे को लेकर अपने दावे के संबंध में सबूत पेश करने का मौका दिया जा सके। उसने कहा कि एनसीडीआरसी इसके बाद रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री के अनुसार मुआवजे के संबंध में नया निर्णय ले सकता है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने आशना रॉय की शिकायत पर NCDRC के सितंबर 2021 के आदेश के खिलाफ आईटीसी लिमिटेड की याचिका पर यह फैसला सुनाया। पीठ ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा, ‘NCDRC के आदेश के अवलोकन से हमें मुआवजे की मात्रा निर्धारित करने के लिए किसी भी भौतिक साक्ष्य पर चर्चा या संदर्भ नहीं मिलता है।’ उसने कहा कि शीर्ष अदालत ने रॉय से बार-बार अनुरोध किया कि जब उसने 12 अप्रैल 2018 को बाल कटाए थे, उस समय वह अपनी नौकरी के सबंध में NCDRC के समक्ष रखी गई सामग्री के बारे में जानकारी दें। पीठ ने कहा कि अदालत ने रॉय से पूर्व में किए विज्ञापन एवं मॉडलिंग से जुड़े अपने काम दिखाने या वर्तमान एवं भविष्य में उसके किसी भी ब्रांड के साथ किए करार पेश करने को कहा था, ताकि उसे हुए संभावित नुकसान का आकलन किया जा सके। उसने कहा कि प्रतिवादी (रॉय) उपरोक्त प्रश्नों के संबंध में जवाब देने में पूरी तरह विफल रही। पीठ ने कहा कि इस मामले में दो करोड़ रुपए मुआवजा अत्यधिक एवं असंगत है।
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