अहमदाबाद: गुजरात के हाल ही में सेवानिवृत्त हुए एक वरिष्ठ पुलिस ऑफिसर को दुष्कर्म के मामले में फंसाकर बदनाम करने की साजिश का खुलासा हुआ है। ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को पकड़ा है। इसमें एक बीजेपी नेता, दो पत्रकारों के साथ दो अन्य शामिल है। गुजरात पुलिस के शीर्ष पद पर काम कर चुके पुलिस अफसर को छवि खराब करने के लिए दुष्कर्म का झूठा हलफनामा तैयारा करवाया और फिर रंगदारी मांगने की साजिश बुनी गई। इस खुलासे के बाद पूरे पुलिस महकमें में खलबली है। गुजरात एटीएस ने इस पूरे मामले में ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें राजू परमार, हरेश जादव, कार्तिक जानी, आशुतोष पांड्या और जीके प्रजापति हैं। इनमें आशुतोष पंड्या और कार्तिक जानी पत्रकार हैं। गुजरात एटीएस ने अनुसार इस पूरी साजिश का मास्टर माइंड बीजेपी ओबीसी फ्रंट का एक स्थानीय नेता है। इन सभी ने मिलकर पूर्व आईपीएस अधिकारी से रंगदारी वसूलने की साजिश रची। गुजरात एटीएस का कहना है कि इस सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी को बदनाम करने के लिए पत्रकारों ने पांच लाख रुपये भी लिए हैं। गांधीनगर में एफआईआर दर्ज गुजरात एटीएस के डीसीपी सुनील जोशी के आरोपियों ने एक महिला से दुष्कर्म का हलफनामा तैयार करवाया फिर इसमें छेड़छाड़ की। बीजेपी के नेता से पत्रकारों ने बदनाम करने के लिए पांच लाख रुपये भी लिए। इसकी प्लानिंग मीडिया में इस मामले को उठाकर रंगदारी ऐंठने की थी। इसके लिए इन्होंने आठ करोड़ रुपये की बड़ी रकम तय की थी। एटीएस के अनुसार इस मामले में गांधीनगर सेक्टर सात में शिकायत भी की गई थी। एसओजी के पीआई जांच कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक दबाव में आई महिला ने पुलिस अधिकारियों के नामों का खुलासा नहीं किया है। 8 करोड़ वसूलने का था प्लान आरोपी ने महिला से यह भी कहा कि अगर वह अभी पुलिस अधिकारी का नाम लिखेगी तो सारा काम चौपट हो जाएगा। इसलिए महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने किसी पुलिस अधिकारी का नाम नहीं लिखा। इतना ही नहीं, बिना महिला की जानकारी के हलफनामे में नए पैराग्राफ भी जोड़ दिए गए। आरोपी ने रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी पर दबाव बनाकर आठ करोड़ रुपये की रंगदारी की इस तरह साजिश रची। इस साजिश को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों को अहमदाबाद-गांधीनगर में अलग-अलग जगहों से उठाया गया था। पुलिस ने इस मामले में आगे की कार्रवाई की है।
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