Monday, 20 February 2023

धरती ही नहीं अंतरिक्ष में भी खतरा बना चीन, अमे‍रिकी जनरल ने दी दुनिया को चेतावनी, रूस को भी बताया सिरदर्द

म्‍यूनिख: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बाद अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कई चीजों में बदलाव हुआ है। म्‍यूनिख में जारी एक सुरक्षा सम्‍मेलन में एक अमेरिकी जनरल ने भी इस तरफ इशारा किया है। इन जनरल के मुताबिक अब अंतरिक्ष भी सुरक्षित नहीं है। उन्‍होंने कहा कि रूस के बाद अब चीन सबसे बड़ा खतरा बन गया है। उन्‍होंने कहा है कि अंतरिक्ष में अब मूलभूत बदलाव हुए हैं और यहां पर भी हथियारों की रेस में तेजी आ रही है। ऐसे में चीन अब सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है। चीन और रूस बड़ा खतरा अमेरिका के स्‍पेस ऑपरेशंस के मुखिया जनरल ब्रैडले चांस साल्‍ट्जमैन ने कहा, 'हमारे रणनीतिक प्रतिद्वंदी काफी तेजी से हथियार बनाने में लगे हुए हैं। सबसे बड़ा खतरा चीन और रूस से है।' उन्‍होंने कहा कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, जमीन से निर्देशित होने वाली ऊर्जा और अंतरिक्ष की कक्षा को इंटरसेप्‍ट करने वाली क्षमताओं में इजाफा हो रहा है। जनरल ब्रैडले के मुताबिक इस बात को मानना होगा कि अब यह हिस्‍सा भी काफी बदल गया है। अंतरिक्ष में अभी तक जैसे ऑपरेट किया जा रहा था, उसे बदलने की जरूरत है। रूस और चीन की तरफ से खतरनाक हथियारों का टेस्‍ट किया जा रहा है और कुछ जगहों पर इन हथियारों को संचालित भी किया जाने लगा है। अमेरिका-चीन के रिश्‍ते तनावपूर्ण चीनी जासूसी गुब्‍बारे के बाद अमेरिका और चीन के बीच स्थितियां काफी तनावपूर्ण हो गई हैं। शनिवार को इसी कार्यक्रम में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और उनके चीनी समकंक्ष वांग यी के बीच तनावपूर्ण वार्ता हुई। ब्लिंकन ने स्‍टेज पर यी को चेतावनी दी कि चीन को ऐसी हरकत करने से बचना होगा। उन्‍होंने जासूसी गुब्‍बारे वाले प्रकरण को गैरजिम्‍मेदाराना बर्ताव करार दिया। इस पर वांग ने कहा कि अमेरिका ने जिस चीज को ढेर किया, उसकी वजह से दोनों देशों के रिश्‍ते खराब हो गए हैं। कब से शुरू हुई अंतरिक्ष में होड़ अंतरिक्ष में जो रेस इस समय चल रही है, वह नई नहीं है। सन् 1985 की शुरुआत में अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने एक मिसाइल की मदद से सैटेलाइट को ढेर किया था। यह एक टेस्‍ट था जिसमें अमेरिका सफल रहा था। तब से ही अमेरिका के प्रतिद्वंदी इस तरह के ऑपरेशंस को अंजाम देने में लगे हैं। चीन ने साल 2007 में इसी तरह का एक टेस्‍ट किया था। इसके बाद साल 2019 में भारत ने भी ऐसा ही टेस्‍ट किया। फरवरी 2020 में अमेरिकी जनरल ने कहा था कि दो रूसी सैटेलाइट को कक्षा में भेजा गया था ताकि वह अमेरिकी जासूसी सैटेलाइट पर नजर रख सकें। अमेरिका की खास स्‍पेशल फोर्स इसके बाद साल 2021 में रूस ने अपने ही सैटेलाइट को एक मिसाइल की मदद से नष्‍ट कर दिया था। इस पर नाटो के मुखिया जीन स्‍टॉलटेनबर्ग ने रूस के कदम को गैरजिम्‍मेदाराना करार दिया था। साल 2019 में जब अमेरिका ने स्‍पेस फोर्स को लॉन्‍च किया तो इसमें तेजी आ गई। इसके बाद अंदाजा लगाया कि अमेरिका इस स्‍पेस फोर्स की मदद से रूस और चीन को पीछे छोड़ देगा।


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