नई दिल्ली: गाजियाबाद के पॉश इलाके राजनगर में स्थित जिला कोर्ट परिसर में बुधवार दोपहर अचानक तेंदुआ घुस गया। तेंदुए के कोर्ट परिसर में घुसने के दौरान जोर-जोर से कुत्ते भौंक रहे थे। कुत्ते के भौंकने को तेंदुए के आने से पहले का बड़ा संकेत माना जा रहा है। हाल ही में मेरठ के पॉश इलाके में तेंदुए ने जमकर आतंक मचाया था, उस दौरान भी तेंदुए के आने से पहले कुत्ते जोर-जोर से भौंक रहे थे। आज हम आपको बताते हैं कि तेंदुए, बाघ आदि जंगली जानवरों के रिहाइशी इलाके में आने से पहले कुत्ते, बंदर और पक्षियों को कैसे पता चल जाता है। जानकारी के अनुसार, जब तेंदुआ गाजियाबाद कोर्ट परिसर में घुस रहा था, तब कोर्ट परिसर में कुत्ते भौंक रहे थे। हालांकि सिक्युरिटी गार्ड ने कुत्तों के भौंकने पर इधर-उधर जरूर देखा, लेकिन उसे कुछ नजर नहीं आया। तेंदुआ चैनल गेट खुला होने की वजह से सीधे तीसरी मंजिल पर पहुंच गया। ऐसे में तेंदुए को छिपने की पर्याप्त जगह मिल गई और उसने मौका देखकर हमला बोल दिया। कहा जाता है कि तेंदुए, चीता , बाघ और शेर समेत अन्य हिंसक जानवर जब किसी गांव या रिहाइशी इलाके की तरफ बढ़ते हैं तो पालतू जानवर असहज महसूस करते हैं। कुत्तें जोर से जोर भौंकने लगते हैं। पालतू जानवर ही नहीं कई बार पक्षी भी जोर-जोर से चहकने लगते हैं।
हिंसक जानवरों को देखकर शोर मचाते हैं बंदर, कुत्ते और पक्षी
उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट में फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी करने वाले जगदीश बताते हैं कि जंगली जानवर जब किसी गांव या शहरी इलाके में घुसते है, उस वक्त भले ही कोई इंसानी आंखें उन्हें ना देख पाए। मगर उस वक्त भी कोई होता है, जिसकी नजरें उनकी हर एक हरकत पर होती है। वह बताते हैं कि पक्षी और कुत्तों को तेंदुए, बाघ से आने वाली गंध का अहसास तुरंत हो जाता है। गंध के आधार पर कुत्ते भौंकने लगते हैं और चिड़िया जोर-जोर से चहकने लगती है। इस दौरान अगर पेड़ों पर बंदर होते हैं तो वह भी जोर-जोर से शोर मचाकर सावधान रहने का संकेत देते हैं।सांप को देखकर भी चहकते हैं पक्षी
यही नहीं, पक्षी जमीन पर रेंगते सांंप को देख कर भी शोर करते हैं क्योंकि सांप उनके अंडे और बच्चे को खा लेते हैं। ऐसा ही वे कौवे और अन्य परजीवी पक्षियों को देख कर भी ऐसा करते हैं क्योंकि कौवे भी उनके अंडे चुराकर खा जाते हैं। जंगली जानवरों के हमले से पहले इन संकेतों पर ध्याना देना चाहिए।from https://ift.tt/3v84def
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