नई दिल्ली: नीले-हरे रंग वाले मोर को देख शायद आपका भी मन प्रफुल्लित हो जाता होगा। मोर पर गीत बने, फिल्माया भी गया और कई सीन को प्रतीकात्मक रूप से मोर के नाचने से बयां किया गया। आप यह भी जानते होंगे कि आजादी के करीब 16 साल बाद मोर के सौंदर्य को देखते हुए इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया। हालांकि इस फैसले के पीछे और भी कई वजह थी। उन चुनिंदा पक्षियों में सारस और हंस भी थे लेकिन मोर को चुना गया क्योंकि एक बड़ी वजह थी। राष्ट्रीय पक्षी उसे चुना जाता है जो देश के ज्यादातर हिस्सों में पाया जाता हो। यह तो बात रही मोर की लेकिन मोर-मोरनी के संबंधों को लेकर कई तरह की गलत धारणाएं प्रचलित हैं। पवित्रता से जोड़ने के चक्कर में कह दिया जाता है कि मोर के आंसू को पीकर मोरनी प्रेग्नेंट हो जाती है। जी नहीं, अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो गलत हैं। मोरनी के गर्भवती होने को लेकर भ्रम इसलिए पैदा हुआ क्योंकि कई हस्तियों ने मंच से आधारहीन बातें कहनी शुरू कर दी। कुछ लोग मोर को ब्रह्मचारी जैसा तमगा देने लगे। दरअसल, कुछ जानवरों और पक्षियों को संबंध बनाते लोग देख नहीं पाते। कुछ साल पहले स्मार्टफोन आने और वीडियो प्लेटफॉर्म की भरमार होने के बाद कई भ्रम टूटे। कई तस्वीरों ने राज खोले। इसमें से एक है मोर और मोरनी के संबंधों वाली बात। कथाओं में भी मोर का जिक्र मिलता है। मोरपंख की बात धार्मिक चर्चाओं में भी होती है। घर में लोग मोरपंख को रखना पसंद करते हैं। मौर्य शासन में चलने वाले सिक्कों के एक तरफ मोर बना होता था। इन सब बातों को देखते हुए कुछ लोगों में यह धारणा बन गई कि मोर-मोरनी दूसरे जानवरों की तरह संबंध नहीं बनाते। कुछ लोगों ने ऐसा भी तर्क दे दिया कि मोर सेक्स नहीं करता इसीलिए राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। पूरा वीडियो नीचे देखिए।
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