नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का पहला मुकाबला 9 फरवरी से नागपुर में खेला जाना है। मैच से पहले इस बात पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है कि टी-20 में बल्ले से कोहराम मचाने वाले सूर्यकुमार यादव को टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिलेगा या फिर शुभमन गिल मिडल ऑर्डर में बैटिंग करते दिखेंगे। दोनों ही खिलाड़ी गजब फॉर्म में हैं। दोनों को ही इग्नोर करना मुश्किल है, लेकिन टीम कॉम्बिनेशन के हिसाब से किसी एक को ही मौका मिलता दिख रहा है।उपकप्तान केएल राहुल ओपनिंग में दिखेंगे तो कप्तान रोहित शर्मा उनके पार्टनर होंगे। इसमें कोई बदलाव तब तक नहीं हो सकता है, जब तक कि कोई चोटिल न हो जाए। इसके बाद विराट कोहली खेलेंगे ही। अगर केएल राहुल ड्रॉप होते हैं तो शुभमन गिल को ओपनिंग का मौका मिल सकता है और ऐसे में सूर्या की जगह अपने आप बन जाएगी, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा। सूर्यकुमार यादव को हालांकि 5वें नंबर पर बैटिंग के लिए टीम में शामिल किया जा सकता है। इसके पीछे 3 प्रमुख वजहें हैं... 1. सूर्यकुमार यादव की फॉर्म360 डिग्री बल्लेबाज सूर्या गजब के फॉर्म में हैं। T20 सर्किट में तो उनके जैसा कोई बल्लेबाज नहीं दिख रहा है। वह ऐसे बल्लेबाजों में शामिल हैं, जो T20 की फॉर्म रेड बॉल से खेले जाने वाले टेस्ट में भी जारी रख सकते हैं। जब बांग्लादेश में टीम इंडिया खेल रही थी तो भी उन्होंने रणजी ट्रॉफी में खेलना चुना था। गिल की तुलना में सूर्या के साथ पॉजिटिव फैक्टर यह है कि वह मिडल ऑर्डर में ही बैटिंग करते हैं, जबकि गिल प्रोफेशनल ओपनर हैं। टीम मैनेजमेंट अगर भरोसा करती है तो सूर्या नागपुर में खेलते दिख सकेंगे।2. ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में सूर्या स्पिन के खिलाफ सबसे बड़े हथियारमिडिल ऑर्डर में विस्फोट का जिम्मा वैसे तो ऋषभ पंत के पास होता है, लेकिन वह भयानक कार एक्सीडेंट की वजह से टूर्नामेंट में खेल नहीं रहे हैं। वह स्पिन के खिलाफ बेखौफ होकर खेलने के लिए जाने जाते रहे हैं। अब उनकी गैरमौजूदगी में सूर्या इस जिम्मेदारी को अच्छी तरह संभाल सकते हैं। राइट-लेफ्ट एंगल को छोड़ दिया जाए तो दोनों ही कमोबेश एक जैसे बल्लेबाज हैं। पंत की तरह सूर्या भी स्पिन पर हावी होकर खेलना पसंद करते हैं। इस तरह वह नाथन लियोन के खिलाफ X फैक्टर हो सकते हैं। 3. सूर्या का फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार रिकॉर्डसूर्या को IPL और टी-20 क्रिकेट में धमाकेदार बैटिंग से प्रसिद्धि जरूर मिली, लेकिन उनका फर्स्ट क्लास यानी रेड बॉल क्रिकेट में भी प्रदर्शन कमाल का रहा है। उन्होंने करियर में 79 मैचों में 44.75 की औसत से 5549 रन बनाए हैं, जबकि इसमें 14 शतक और 28 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 63.56 का रहा है, जबकि 200 सर्वश्रेष्ठ स्कोर है।
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