इस्लामाबाद: इस समय बर्बाद होने की ओर बढ़ रही है। पाकिस्तान इस समय आईएमएफ से बेलआउट पैकेज का इंतजार कर रहा है। लेकिन अगर पाकिस्तान आईएमएफ से डील पाने में कामयाब हो जाता है, तो भी उसके लिए आगे का रास्ता आसान नहीं होगा। बल्कि तंगी बनी रहेगी। पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने इसकी भविष्यवाणी की है। पाकिस्तान इस समय 1.1 अरब डॉलर के पैकेज का इंतजार कर रहा है, ताकि वह डिफॉल्ट होने से बच सके।पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने ट्विटर पर लिखा था कि उनसे अर्थव्यवस्था और पाकिस्तान से जुड़ा कोई भी सवाल पूछा जा सकता है। उनसे एक यूजर ने पूछा था कि क्या आईएमएफ से लोन मिलने के बाद हमारा विदेशी मुद्रा भंडार गिरना बंद हो जाएगा? इस पर उन्होंने कहा, 'चीजें थोड़ी मुश्किल होंगी, लेकिन हमें पर्याप्त ऋण मिल जाएगा ताकि हमें कुछ समय मिल जाए। फिर भी हमें नया तरीका खोजना होगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा निर्यात बढ़ाया जा सके।'
पाकिस्तान में गहरा रहा संकट
डॉलर की कमी और बढ़ती महंगाई के बीच पाकिस्तान में संकट गहराता जा रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार अपने 9 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। आईएमएफ किसी देश को लोन कठोर शर्तों के साथ देता है। जब उसे विश्वास रहता है कि जिस देश को लोन दिया जा रहा है वह, इन शर्तों को मानेगा तभी ऋण मिलता है। लेकिन पाकिस्तान के वित्त मंत्री IMF को यह विश्वास नहीं दिला पाए हैं कि देश टैक्स और ईंधन की कीमतों को बढ़ाने के लिए तैयार है।चुनाव के बाद खत्म होगी समस्या?
मिफ्ताह ने बेलआउट कार्यक्रम को फिर से शुरू करने में देरी के कारण हुई आर्थिक तंगी के सवाल पर कहा कि पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विश्वसनीयता खो दी है, जो बहुत महंगा है। उनसे जब हाल ही में होने वाले आम चुनाव के बारे में पूछा गया तो मिफ्ताह ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि यह चुनाव आखिर समस्या को कैसे खत्म कर देगा। महीनों के अटकलों के बाद पिछले साल सितंबर में इशाक डार ने मिफ्ताह इस्माइल की जगह ली थी।from https://ift.tt/bnARZOC
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