रियाद: सऊदी अरब पर ईरानी सेना के हमले के खतरे के बीच अमेरिका ने फारस की खाड़ी में स्थित अपने हवाई ठिकानों से ईरान की तरफ फाइटर जेट उड़ाए हैं। अमेरिकी मीडिया ने खुलासा किया है कि सप्ताहांत में अमेरिका के सेंट्रल कमांड ने ईरानी सीमा के पास इन फाइटर जेट को भेजा। इससे पहले सऊदी अरब ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि ईरान उसके और इराक के ऊपर हमले की योजना बना रहा है। ईरानी मिसाइलों और ड्रोन विमानों के हमले के खतरे पर विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद अमेरिकी सेना ने अपने अलर्ट लेवल को बढ़ा दिया है। इस बीच वाइट हाउस नैशनल सिक्यारिटी काउंसिल ने कहा है कि वह खतरे को लेकर चिंतित है और खाड़ी के देश सऊदी अरब से लगातार संपर्क में है। इस बीच अमेरिका ने ईरानी खतरे के बारे में आई रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है। यही नहीं वाइट हाउस ने अमेरिकी लड़ाकू विमानों की उड़ान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता जो बूसियो ने कहा कि हम सऊदी अरब के साथ लंबे समय के लिए रणनीतिक सैन्य भागीदारी को लेकर लंबे समय से चली आ रही भागीदारी को लेकर प्रतिबद्ध हैं। सऊदी अरब में तैनात एफ-22 फाइटर जेट अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि अमेरिका ने किसी जगह पर अपने फाइटर जेट को उड़ाया है, फिर भी अमेरिका फारस की खाड़ी में बड़े पैमाने पर फाइटर जेट तैनात किए हुए है। इसमें सऊदी अरब में तैनात एफ-22 फाइटर जेट शामिल हैं। इस बीच ईरान ने खंडन किया है कि वह सऊदी अरब या इराक पर हमले की योजना बना रहा है। ईरान ने कहा कि ये आरोप आधारहीन और गलत हैं। इससे पहले अमेरिकी मीडिया ने खुलासा किया था कि ईरान अपने देश में चल रहे प्रदर्शनों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इराक और सऊदी अरब पर हमला कर सकता है। ईरान में मध्य सितंबर से ही हिजाब को लेकर जोरदार प्रदर्शन चल रहा है। ईरान ने कई बार आरोप लगाया है कि अमेरिका, इजरायल और सऊदी अरब इस हिजाब विरोध को भड़का रहे हैं। यही नहीं ईरान ने पूर्वी इराक में कुर्दिश मिलिशिया पर कई भीषण हमले भी किए हैं। ईरान इन दिनों रूस को घातक ड्रोन और मिसाइलों की आपूर्ति को लेकर भी विवादों में चल रहा है। वहीं रूस और चीन के साथ ईरान की नजदीकी काफी बढ़ गई है।
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