ताइपे: चीन की ओर से मौसम संबंधी उपग्रह छोड़े जाने के कारण रविवार को उत्तरी ताइपे में उड़ानों में देरी हुई। इस उपग्रह का मलबा राजधानी ताइपे के उत्तरी क्षेत्र में समुद्र में गिरा। इस लॉन्चिंग के पीछे चीन का स्पष्ट रूप से कोई सैन्य उद्देश्य नहीं था, लेकिन इस महीने की शुरुआत में ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की अमेरिका यात्रा के जवाब में चीन की ओर से व्यापक सैन्य अभ्यास किया था। इसके बाद चीन ने ताइवान की आसमान से इस उपग्रह को लॉन्च किया है। त्साई इंग-वेन ने अमेरिकी यात्रा के दौरान कैलिफॉर्निया में प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी से मुलाकात की थी। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका की कई संस्थाओं और कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
चीन ने ताइवान को घेर किया था सैन्य अभ्यास
ताइवान और चीन में पिछले हफ्ते तनाव चरम पर था। चीन ने 200 से अधिक बार ताइवान की ओर लड़ाकू विमान भेजे थे, जबकि चीनी नौसेना के जहाजों ने ताइवान के आसपास चक्कर लगाए थे। इस दौरान चीनी नौसेना ने वायु सेना और थल सेना के साथ मिलकर हमले का ड्रिल भी किया था। चीन ने ताइवान को चारों ओर से घेरकर नाकाबंदी करने का भी अभ्यास किया। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और कई बार यह कह चुका है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बलपूर्वक ताइवान को अपने क्षेत्र में मिला लेगा।ताइवान बोला- मलबा हमारे इलाके में गिरा
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उसे सुबह नौ बजकर 36 मिनट के आसपास उत्तर-पश्चिमी चीन में जियुकुआन अड्डे से प्रक्षेपण के बारे में पता चला है। बयान में कहा गया है कि उपग्रह ले जा रहे रॉकेट के कुछ हिस्से ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में गिरे, हालांकि उनसे हमारे राष्ट्र के क्षेत्र को कोई खतरा नहीं है। चीन ने पूर्वी चीन सागर क्षेत्र के एक हिस्से से उड़ानों के गुरजने पर 27 मिनट की रोक लगाने की घोषणा की थी, जिसके चलते ताइपे के सोंगशैन हवाई अड्डे से जापान रवाना होने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।from https://ift.tt/bYuacwN
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