रायपुरः छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने कई बार बारूद का इस्तेमाल करते हुए धमाके किए हैं। बीते गुरुवार को दंतेवाड़ा जिले के एरनपुर में डीआरजी के काफिले में आईईडी ब्लास्ट कर नक्सलियों ने 10 जवान और एक ड्राइवर को मौत के घाट उतार दिया था। कई बार नक्सलियों के मंसूबे नाकामयाब भी हो जाते हैं क्योंकि मुस्तैद सुरक्षा एजेंसियां विस्फोटक का पता लगाकर उन्हें निष्क्रिय कर देती हैं। बार-बार हो रही इस तरह की घटनाओं से सवाल उठ रहे हैं कि जंगलों में रहने वाले नक्सलियों को विस्फोट में इस्तेमाल होने वाला अमोनियम नाइट्रेट कहां से मिलता है। वे इसका इस्तेमाल कैसे कर लेते हैं। इसका पता लगाने के लिए एनबीटी की टीम नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंची और स्थानीय लोगों के साथ एक्सपर्ट्स से बात की।
खदानों में ब्लास्ट और थर्मल प्लांट्स में इस्तेमाल
अमोनियम नाइट्रेट बेहद खतरनाक विस्फोटक है। यह आसानी से नहीं मिलता। छत्तीसगढ़ के बस्तर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर इलाकों में पत्थर की कई खदानें हैं। खदानों में ब्लास्ट के लिए अमोनियम नाइट्रेट और अन्य खतरनाक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही राज्य में कई छोटे-बड़े थर्मल पावर प्लांट भी हैं। इनमें भी अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग होता है।डरा-धमकाकर या लूटकर अमोनियम नाइट्रेट हासिल करते हैं नक्सली
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का नेटवर्क काफी मजबूत है। स्थानीय लोगों के मुताबिक खदानों में ब्लास्टिंग करने वालों को डरा-धमकाकर नक्सली उनसे अमोनियम नाइट्रेट हासिल कर लेते हैं। उनके प्रभाव वाले इलाकों में अमोनियम नाइट्रेट के भंडार गृह से इस खतरनाक पदार्थ को नक्सलियों तक पहुंचाया जाता है। कई बार नक्सली जंगल के अंदरूनी इलाकों में वाहनों को लूट लेते हैं। वे अक्सर उन वाहनों को निशाना बनाते हैं जिनमें इस तरह के अयस्क होते हैं। नक्सलियों को उनके मुखबिरों से वाहनों की आवाजाही की सूचना मिलती है।कई बार विस्फोटकों से भरे वाहन चुरा ले जाते हैं नक्सली
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में खतरनाक बारूद, अमोनियम नाइट्रेट और ग्रेनाइट बरामद होने की खबरें सामने आती रहती हैं। साल 2009 में छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा में जशपुर के इलाके से बारूद से भरा ट्रक पकड़ा गया था। इसमें 12 बोर के 17750 राउंड कारतूस, 315 बोर के 1550 काट्रेज कारतूस और 20 बोरी अमोनियम नाइट्रेट के साथ कई तरह के ठोस और तरल केमिकल बरामद हुआ था। 3 जुलाई, 2013 को नक्सल प्रभावित इलाके में दो ट्रकों को रोका गया जिसमें बारूद भरा हुआ था। बताया गया कि यह ट्रक भूटान और मेघालय की तरफ जा रहा था। बाद में ट्रक के सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचने की जानकारी मिली। सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों ने एनटीपीसी का एक अपने कब्जे में कर लिया था। ट्रक में अमोनियम नाइट्रेट भरा हुआ था। हालांकि, यह घटना किस साल की है, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है।अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल करते हैं नक्सली
अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग किसान खेतों में भी करते हैं, लेकिन उसकी मात्रा बहुत कम होती है। दूसरी ओर, नक्सली बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट को विस्फोटक का रूप देकर आईईडी की तरह इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही टिफिन में डालकर इसे बम का रूप देते हैं। वे मोटर साइकिल के साइलेंसर में बारूद भरकर उसे भी बम की तरह इस्तेमाल करते हैं। जंगल में रहने वाले नक्सली किसी इंजीनियर से कम नहीं होते। अमोनियम नाइट्रेट के साथ डेटोनेटर लगाकर तार की मदद से दूर से बैटरी के जरिए ब्लास्ट करने में भी पारंगत होते हैं। उन्हें इसकी खास ट्रेनिंग दी जाती है।अमोनियम नाइट्रेट के लक्षण
रायपुर स्थित रवि शंकर शुक्ला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनमोहन ने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट (NH4NO3) एक क्रिस्टलीय पाउडर है जिसका रंग लगभग सफेद या भूरा होता है। इसे ऑक्सीडाइज़र के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह आग में शामिल होने पर जलने में तेजी लाता है। अमोनियम नाइट्रेट खुद नहीं जलता है, लेकिन अन्य ज्वलनशील पदार्थों के संपर्क में आने पर यह आग के खतरे को बढ़ाता है। जब अमोनियम नाइट्रेट (जैसे, टैंक, शिपिंग कंटेनर) के एक बंद कंटेनर में आग या गर्मी स्रोत को अलग किया जाता है, तो प्रतिक्रिया एक हिंसक विस्फोट में परिवर्तित हो सकती है, जिसे डिफ्लैग्रेशन-टू-डेटोनेशन ट्रांजिशन या डीडीटी के रूप में जाना जाता है।इसलिए होता है बेहद खतरनाक
अमोनियम नाइट्रेट का थर्मल अपघटन > 200 डिग्री सेल्सियस होता है। हालांकि, जैविक और धात्विक अशुद्धियों की उपस्थिति इस तापमान को कम कर देती है। एक बार जब अमोनियम नाइट्रेट का विघटन शुरू हो जाता है, तो गर्मी बढ़ने पर भगोड़ा प्रतिक्रिया हो सकती है। एक स्व-ईंधन प्रतिक्रिया में, अमोनियम नाइट्रेट इतनी अधिक गर्मी विकसित कर सकता है कि अपघटन को रोकना लगभग असंभव है। अमोनियम नाइट्रेट कई कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों के साथ प्रतिक्रियाशील और असंगत है। यदि आंतरिक तापमान 90 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो सुपरफॉस्फेट और कार्बनिक पदार्थों के मिश्रण अमोनियम नाइट्रेट की भारी मात्रा को प्रज्वलित कर सकते हैं। जस्ता, तांबा, सीसा, और एल्यूमुनियम जैसे पाउडर धातुओं के साथ मिश्रित अमोनियम नाइट्रेट एक हिंसक और कभी-कभी विस्फोटक प्रतिक्रिया का कारण बन सकता है। टाइटेनियम, टिन या एल्युमीनियम के साथ मिश्रित होने पर अमोनियम नाइट्रेट ज्यादा संवेदनशील हो जाता है। इनकी उपस्थिति में यह आसानी से विस्फोट भी करता है।रिपोर्टः रोहित बर्मनfrom https://ift.tt/fbulGhL
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