इस्लामाबाद: पाकिस्तान को चीन से अत्याधुनिक तोप SH15 155 एमएम की दूसरी खेप मिलने वाली है। यह तोप परमाणु क्षमता से लैस है और माना जा रहा है कि इसके साथ ही पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार के जखीरे में इजाफा करने का मन बना लिया है। साल 2022 में पाकिस्तान को इस तोप की पहली खेप मिली थी। अब इसकी दूसरी खेप पाकिस्तान को दिए जाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भारतीय रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो यह बात किसी से छिपी नहीं है कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारत के प्रभाव को कमजोर करने के लिए पाकिस्तान की सेना चीन पर निर्भर है। चीन भी इसका फायदा उठाकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान को हथियार मुहैया करा रहा है। पहली बार साल 2018 में आई नजर इस तोप को पहली बार दिसंबर 2018 में कराची में आयोजित 10वीं अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी और सेमिनार (आईडीईएएस) में देखा गया था। उस समय इसकी सिर्फ एक ही फोटोग्राफ नजर आई थी। यह स्पष्ट हो चुका था कि पाकिस्तान इस पूरे प्रोजेक्ट को सीक्रेट रखना चाहता है। लेकिन यह बात समझ आ गई थी पाकिस्तान ने प्रणाली का आयात करना शुरू कर दिया है। इससे पहले यह सिस्टम उसी महीने चीन में आयोजित झुहाई एयरशो में भी प्रदर्शित किया गया था। इस तोप को पूर्वी थिएटर कमांड में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 72 कोर प्रयोग कर रही है। पाकिस्तान ने कराची के करीबी इस सिस्टम को चुपचाप टेस्ट किया था। परीक्षणों की एक लीक तस्वीर चीनी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई थी। माना जाता है कि पाकिस्तान ने कम से कम 52 SH-15 का ऑर्डर दिया है, जो तीन आर्टिलरी रेजीमेंट के लिए काफी है।कैसे करती है काम SH-15 सिस्टम ट्रक के पिछले हिस्से में लगे 155 मिमी के हॉवित्जर को ले जाने के लिए 6×6 पहिए वाले शानक्सी ट्रक प्रयोग करता है। सिस्टम को स्थिर करने के लिए ट्रक में पीछे की ओर हॉवित्जर से जुड़े दो हुक लगे हैं। इस सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए पांच सदस्यों वाले क्रू की जरूरत होती है। यह करीब 22.5 टन को बोझ उठा सकता है। सामने की ओर एक बख्तरबंद केबिन है जिसकी मदद से छोटे हथियारों से हमला हो सकता है और साथ ही ये पूरी तरह से शेल स्प्लिंटर्स से सुरक्षित है। इसकी खिड़कियां पूरी तरह से बुलेटप्रूफ हैं और। 155 मिमी / 52 कैलिबर लॉन्ग-बैरल हॉवित्जर डबल-बैफल ब्रेक के साथ है। एक बार में इससे 60 राउंड गोला बारूद बरस सकता है। साल 2019 में खरीदी थी तोप SH-15 का इस्तेमाल सीधी फायरिंग भूमिका निभाने के लिए किया जा सकता है, जिसे पाकिस्तानी सेना बहुत पसंद करती है। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान इस तोप की मदद से भारत के खिलाफ मारक क्षमता में इजाफा करना चाहता है। पाकिस्तान की सेना वर्तमान समय में M109A5 का प्रयोग कर रही है जिसे अमेरिका ने तैयार किया है। साल 2019 में जब भारत के साथ तनाव चरम पर था तो पाकिस्तानी सेना ने SH-15 हॉवित्जर आर्टिलरी गन खरीदने के लिए चीन, नॉर्दर्न इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (NORINCO) के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया था। पाकिस्तान ने तब ऐलान किया था कि वह इन तोपों में से 236 तोपों को ट्रांसफर-ऑफ-टेक्नोलॉजी क्लॉज के साथ खरीदना चाहता है और उन्हें एलओसी पर तैनात करना चाहता है।
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