इस्लामाबाद : पाकिस्तान की अवाम के लिए एक बुरी खबर है। पाकिस्तान सरकार भारत से मच्छरदानियां नहीं खरीदेगी। भयानक बाढ़ के बाद पाकिस्तान संक्रामक रोगों से जूझ रहा है। मच्छर से होने वाली बीमारी मलेरिया ने लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी है। इस वक्त एक बड़ी आबादी को मच्छरदानी की सख्त जरूरत है। तमाम मंजूरियों और सिफारिशों के बाद भी कैबिनेट की बैठक में इस खरीद पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई है। पाकिस्तान का वाणिज्य मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं भारत से 62 लाख मच्छरदानियां खरीदने के पक्ष में थे। एनओसी मिलने के बाद भी कैबिनेट ने इस फैसले पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है। कैबिनेट ने ग्लोबल फंड (Global Fund) को भारत से मच्छरदानियां खरीदने की छूट देने से इनकार कर दिया है। पिछले महीने वाणिज्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय को मच्छरदानी खरीदने की अनुमति दे दी थी। अगस्त 2022 तक मलेरिया के 34 लाख केस सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी पत्रकारों के ये दावे पाकिस्तानी जनता के लिए बुरी खबर हैं। जनवर से अगस्त 2022 तक के 34 लाख से अधिक संदिग्ध मामले दर्ज किए जा चुके हैं। 2021 में यह आंकड़ा 26 लाख था। पाकिस्तान के 32 बाढ़ प्रभावित जिलों में मलेरिया तेजी से फैल रहा है और हजारों बच्चे इसकी चपेट में आ चुके हैं। अवाम को शहबाज सरकार का झटका सिंध, पंजाब और बलूचिस्तान के 26 से अधिक जिलों में प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के मामले सामने आ रहे हैं। पाकिस्तान का स्वास्थ्य मंत्रालय भारत से मच्छरदानी खरीदना चाहता था। ग्लोबल फंड ने इसका प्रस्ताव दिया था लेकिन पाकिस्तान सरकार ने अब इसे ठुकरा दिया है। महंगाई, आतंकवाद और बाढ़ जैसी आपदाओं की मार झेल रही जनता को शहबाज सरकार ने नया और बड़ा झटका दिया है।
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