Tuesday, 20 December 2022

भारत पर कब्‍जा, दिल्‍ली तक इस्‍लामिक शासन, तो यह है जिन्‍ना का आइडिया ऑफ पाकिस्‍तान!

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान जो इन दिनों तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के बढ़ते आतंकवाद से परेशान है। लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि जिस विचार को यह मुल्‍क भारत पर थोपना चाहता था जब उसके ही लिए टीटीपी लड़ाई लड़ रही है तो यह क्‍यों मुश्किल में महसूस कर रहा है। पाकिस्‍तान के एक बैरिस्‍टर और कई विदेश मामलों के जानकार ने बताया है कि आखिर इस देश का असली मकसद क्‍या है। यह क्लिप इस समय तेजी से वायरल हो रही है और इसमें उन्‍हें 'आइडिया ऑफ पाकिस्‍तान' के बारे में बताते हुए सुना जा सकता है। दिलचस्प बात है कि यह क्लिप ऐसे समय में आई है जब पिछले दिनों संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान ने आतंकवाद के लिए भारत को दोषी ठहरा दिया है।

लाल किले पर कब्‍जा

बैरिस्‍टर हामिद बा‍शनी ने एक इंटरव्‍यू में बताया है कि आखिर पाकिस्‍तान को बनाने के पीछे क्‍या आइडिया था और भारत के साथ यह मुल्‍क क्‍या चाहता है? हामिद बाशनी की यह क्लिप एक मिनट 45 सेकेंड की है। इसमें इस क्लिप में उन्‍होंने एक सेमिनार का जिक्र किया है जिसमें आईएसआई के पूर्व मुखिया ले. जनरल हमीद गुल भी मौजूद थे। बाशनी ने कहा है कि पाकिस्‍तान की सेना और इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई कई तरह की लड़ाईयां लड़ रही है लेकिन जो बुनियादी जंग है वह है दिल्‍ली पर कब्‍जा करना। दिल्‍ली के लाल किले पर कब्‍जा सबसे पहला टारगेट था। बाशनी ने सेमिनार में जब जनरल हामिद गुल से कश्‍मीर का जिक्र किया तो गुल ने जो जवाब दिया वह शायद ही कभी सुना गया था। हामिद गुल ने उनसे कहा कि कश्‍मीर तो बहुत छोटी चीज है और पाकिस्‍तान इतनी छोटी चीजों पर नजर नहीं डालता। गुल ने बाशनी से कहा कि उनकी नजरें दिल्‍ली, बखारा और समरकंद पर है।

भारत में इस्‍लामिक शासन

बाशनी ने आगे कहा कि सेना के कई सीनियर ऑफिसर जब इतनी अवास्‍तविक सोच रखते हैं तो जरा आइडिया ऑफ पाकिस्‍तान की कल्‍पना कीजिए। बाशनी के मुताबिक जो लोग आइडिया आफ पाकिस्‍तान का जिक्र करते हैं, वो सोचते हैं कि एक ऐसी इस्‍लामी रियासत बनेगी जिसको बुनियाद बनाकर पूरे हिन्‍दुस्‍तान पर कब्‍जा करके कश्‍मीर जैसी खोई चीजों को दोबारा हासिल करेंगे। बाशनी की मानें तो जिस इस्‍लामिक पाकिस्‍तान का आइडिया देश के हुक्‍मरानों ने किया था आज टीटीपी भी उसे अफगानिस्‍तान के रास्‍ते आगे बढ़ा रही है।

कौन था हमीद गुल

जिस हमीद गुल का जिक्र इस वीडियो में हुआ है वह खुलेआम आतंकियों की वकालत करने वाले जनरल थे। हमीदगुल साल 1987 से 1989 तक आईएसआई के मुखिया थे। उसी समय कश्‍मीर में आतंकवाद ने सिर उठाना शुरू किया था। यह बात और है कि गुल ने हमेशा भारत और अमेरिका को पाकिस्‍तान में अस्थिरता और आतंकवाद के लिए दोषी ठहराया था। जनरल गुल ने अफगानिस्‍तान और जम्‍मू कश्‍मीर में जारी आतंकवाद का समर्थन किया था। उन्‍हें इतिहासकार तालिबान का गॉडफादर तक कहते हैं।


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