Monday, 19 December 2022

तवांग में पिटाई से किरकिरी के बाद चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के पास किया युद्धाभ्‍यास, दागे गए रॉकेट्स

बीजिंग: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर नौ दिसंबर को हुई झड़प के बाद ही चीन की पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (PLA) की तरफ से एक मिलिट्री ड्रिल का आयोजन किया गया था। चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स की तरफ से बताया गया है कि यह ड्रिल दक्षिण पश्चिमी चीन के शिजांग में हुई थी। इस ड्रिल के दौरान रॉकेट फायर करने से कई और हथियारों का प्रयोग किया गया था। ग्‍लोबल टाइम्‍स की मानें तो पीएलए ने देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने के लिए इस ड्रिल को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। ड्रोन तक का यूज पीएलए की शिजांग मिलिट्री कमांड की तरफ से इस ड्रिल का आयोजित किया गया था। सीसीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 15091 फीट की ऊंचाई पर और -20 डिग्री तापमान में इस ड्रिल को पूरा करके चीनी सेना ने अपनी क्षमताओं को साबित कर दिया है। इस ड्रिल में कई तरह के हथियारों को परखा गया था। रिपोर्ट की मानें तो एक लॉन्‍चर व्‍हीकल की मदद से ड्रोन ने रेकी की और फिर रॉकेट सिस्‍टम ने अपना निशाना लगाया। ग्‍लोबल टाइम्‍स का दावा है कि इस ड्रिल में यह देखा गया कि क्‍या 100 किलोमीटर दूर स्थित टारगेट को एक सिंगल सिस्‍टम की मदद से कैसे भेदा जा सकता है। हर मौसम में हमला बटालियन कमांडर जियांग वेई के हवाले से ग्‍लोबल टाइम्‍स ने लिख है कि हमला करने की क्षमता को खासतौर पर बढ़ाया गया है और अब चीनी सेना मुश्किल मौसम में भी हमले करने में सक्षम है। अपने हथियारों की शेखी बघारते हुए ग्‍लोबल टाइम्‍स ने लिखा है कि चीन की लंबी दूरी की रॉकेट आर्टिलरी टेक्‍नोलॉजी दुनिया में बेस्‍ट है। इसकी वजह से पीएलए को देश की रक्षा करने में मदद मिलेगी और वह संप्रभुता को सुरक्षित रख पाएगी। तवांग में नौ दिसंबर को जो झड़प हुई उसके पीछे पीएलए की वेस्‍टर्न थियेटर कमांड का हाथ था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता वांग वेनबिन ने कहा है कि एलएसी पर वर्तमान स्थिति स्थिर है। उन्‍होंने भारत को सलाह दी है कि वह दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का सम्‍मान करे और शांति कायम करने में मदद करे। क्यों हुआ टकराव तवांग में जो टकराव हुआ था उसमें भारतीय सैनिकों ने बहुत बुरी तरह से चीनी सैनिकों को पीटा था। भारतीय सेना के सूत्रों की मानें तो तवांग में हुए टकराव में चीन के काफी सैनिक घायल हुए हैं। जबकि घायल भारतीय सैनिकों की संख्‍या काफी कम है और उन्‍हें हल्‍की चोटें आई हैं। तवांग के यांगत्‍से में भारतीय सैनिकों ने बड़ी बहादुरी से चीनी सैनिकों को पीछे धकेल दिया था। हाल ही में उत्‍तराखंड में एलएसी के करीब भारत और चीन के सैनिकों ने युद्धाभ्‍यास किया है। चीन को इस युद्धाभ्‍यास से खासी आपत्ति थी।


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