Friday, 2 December 2022

क्‍या बैंडिट क्वीन में सीमा बिस्वास ने उतारे थे पूरे कपड़े? जानिए बीच गांव में कैसे शूट हुआ वो सीन

फिल्म 'बैंडिट क्वीन' को भला कौन भूल सकता है? साल 1994 में आई यह फिल्म फूलन देवी की जिंदगी पर आधारित थी। वह फूलन देवी, जिसका गैंगरेप किया गया और उस घटना ने उसे डाकू बना दिया। शेखर कपूर ने फूलन देवी की जिंदगी के उतार-चढ़ाव और दर्द को बड़े ही मर्म के साथ 'बैंडिट क्वीन' में फिल्मी पर्दे पर उतारा था। हालांकि यह फिल्म अपने डायलॉग, कुछ सीन्स और कंटेंट के कारण खूब विवादों में भी रही थी। इस फिल्म में एक सीन था, जिसमें बैंडिट क्वीन बनीं सीमा बिस्वास को बिना कपड़ों के गांववालों के सामने घुमाया जाता है। इस सीन पर खूब बवाल मचा था। सीमा बिस्वास ने इस सीन को शूट करने से मना कर दिया था। लेकिन शेखर कपूर ने इसे कैसे शूट किया था, जानते हैं? 'फिल्मी फ्राइडे' सीरीज में जानिए शेखर कपूर ने फूलन देवी वाले नेकेड सीन को कैसे फिल्माया था और जब सीमा बिस्वास ने शूट से इनकार कर दिया तो कैसे बॉडी डबल को लाए। यह सीन फिल्म की कहानी के लिए बेहद अहम था। फिल्म में ढेर सारे नेकेड सीन थे, जिन पर सेंसर बोर्ड ने भी आपत्ति जताई थी। लेकिन इस फिल्म को आज भी देश के सिनेमा का 'मास्टरपीस' माना जाता है।

बिना कपड़ों के कुंए पर घुमाने वाला सीन, सीमा बिस्वास का इनकार

फिल्म में एक सीन है, जहां गांव के ठाकुर लोग बीच चौराहे पर फूलन देवी के सारे कपड़े उतार देते हैं। इसके बाद फूलन को पूरे गांव में नेकेड घुमाकर कुंए तक जाने को मजबूर किया जाता है, ताकि वह उन ठाकुरों के लिए पानी लाए, जिन्होंने उसका रेप किया। शेखर कपूर ने जब सीमा बिस्वास को यह सीन बताया तो उन्होंने इसे करने से इनकार कर दिया। तब शेखर कपूर ने इस सीन के लिए सीमा बिस्वास की बॉडी डबल का इस्तेमाल किया।

चौराहे पर घेराबंदी, बनाया बाड़ा और कैमरा ऑन होते ही...

शेखर कपूर ने फिल्म की टीम में किसी को नहीं बताया कि वह इस सीन को कैसे शूट करेंगे। उन्होंने बस गांव के उस चौराहे के चारों ओर घेराबंदी करके एक बाड़ा बनवाया। उसके अंदर फूलन का रोल करने वाली बॉडी डबल ने अपने सारे कपड़े उतारे। जैसे ही कैमरा रोल हुआ शेखर कपूर ने उस बाड़े को हटाने का इशारा किया। इशारा होते ही घेराबंदी हट गई और वो नेकेड एक्ट्रेस या यूं कहें कि फूलन का रोल करने वाली बॉडी डबल निर्वस्त्र ही गांववालों के सामने आ गई। बहुत से गांववाले उस सीन देखने के लिए आसपास के घरों की छत पर चढ़ गए थे। तब कैमरे में गांववालों के असली रिएक्शन कैप्चर किए गए।

'बैंडिट क्वीन' ने जीता था नैशनल अवॉर्ड, फिल्म में थे ये सितारे

यह फिल्म लेखिका माला सेन की किताब India's Bandit Queen: The True Story of Phoolan Devi पर आधारित थी। फिल्म की कहानी लिखने से लेकर शेखर कपूर ने ही इसे डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था। 'बैंडिट क्वीन' को बेस्ट फीचर फिल्म का नैशनल अवॉर्ड मिला था। इसे 67वें ऑस्कर्स में भारत की तरफ से भेजा भी गया था। हालांकि इसे कोई नॉमिनेशन नहीं मिला। 'बैंडिट क्वीन' में सीमा बिस्वास के अलावा गजराज राव, निर्मल पांडे, सौरभ शुक्ला, मनोज बाजपेयी, आदित्य श्रीवास्तव, गोविंद नामदेव, राजेश विवेक, रघुबीर यादव और खुद शेखर कपूर भी थे।
ठाकुरों ने फूलन देवी का रेप कर नोंच डाला था मास
'बैंडिट क्वीन' में एक्ट्रेस डॉली अहलूवालिया कॉस्ट्यूम डिजाइनर थीं। जब इस फिल्म की शूटिंग हो रही थी तो फूलन देवी ग्वालियर की जेल में बंद थीं। कुछ भी सीन शूट होता तो उससे जुड़ी सारी जानकारी फूलन देवी को दी जाती थी। एक बार जब डॉली, शेखर कपूर से परमिशन लेकर फूलन देवी से मिलने गईं तो बुरी तरह रो पड़ी थीं। फूलन देवी ने अपने साथ घटी घटना और शोषण की जो कहानी बताई थी, उसने डॉली अहलूवालिया को परेशान कर दिया था। फूलन देवी ने अपने सीने में पड़े वो गड्ढे भी दिखाए थे, जो रेप के ठाकुरों द्वारा नोंचे जाने से पड़ गए थे। ठाकुरों ने जब फूलन देवी का रेप किया तो उनका मांस तक नोंच लिया था।


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