Friday, 2 December 2022

जानें डिजियात्रा में कैसे आपका चेहरा बनेगा बोर्डिंग पास और पैसेंजर्स के डेटा की सुरक्षा का क्या है इंतजाम

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली शुरू हो गई है। इसका मतलब यह है कि अब आपको अपनी पहचान साबित करने के लिए कोई डॉक्युमेंट दिखाने की जरूरत नहीं होगी। आपका चेहरा ही आपकी पहचान होगा। इससे एयरपोर्ट पर टाइम बचेगा और लंबी लाइनों में खड़े रहने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा एयरपोर्ट पर आपका अनुभव काफी हद तक कॉन्टैक्टलेस हो जाएगा। गुरुवार को दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी एयरपोर्ट पर इसकी शुरुआत की गई। अगले साल मार्च तक देश के चार और एयरपोर्टों हैदराबाद, पुणे, विजयवाड़ा और कोलकाता में इसकी शुरुआत दूसरे चरण में कर दी जाएगी। तीसरे चरण में देश के सभी एयरपोर्ट्स पर इसकी शुरुआत होगी। डिजी यात्रा के लिए यात्रियों को एक बार अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। उसके बाद चेहरे की पहचान करके ई-गेट के जरिए यात्रियों को एंट्री मिलेगी। तीन एयरपोर्ट्स पर चेहरा बना बोर्डिंग पास विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः एयरपोर्ट पर अब आपका चेहरा ही बोर्डिंग पास होगा। डिजी यात्रा के तहत गुरुवार से देश के तीन एयरपोर्ट्स पर ऐप के जरिए चेहरे की पहचान कर एंट्री की सुविधा शुरू कर दी गई है। केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर इसकी शुरुआत की। गुरुवार को दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी एयरपोर्ट पर इसकी शुरुआत की गई। अगले साल मार्च तक देश के चार और एयरपोर्टों हैदराबाद, पुणे, विजयवाड़ा और कोलकाता में इसकी शुरुआत दूसरे चरण में कर दी जाएगी। तीसरे चरण में देश के सभी एयरपोर्ट्स पर इसकी शुरुआत होगी। डिजी यात्रा के लिए यात्रियों को एक बार अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। उसके बाद चेहरे की पहचान करके ई-गेट के जरिए यात्रियों को एंट्री मिलेगी। पेपरलेस सुविधा से एयरपोर्ट पर एंट्री इस मौके पर सिंधिया ने कहा कि लोगों के डेटा को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा। यह कॉन्टैक्ट लेस और पेपरलेस सुविधा है। चेहरा पहचान प्रणाली के जरिए एयरपोर्ट पर एंट्री मिलेगी। यह सुविधा अभी घरेलू यात्रियों के लिए ही शुरू की गई है। सिंधिया ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि डिजिटल ढंग से चेहरे की पहचान कर एयरपोर्ट पर एंट्री की सुविधा देने वाली ‘डिजियात्रा’ में यात्रियों का डेटा एनक्रिप्टेड रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर यह सुविधा उपलब्ध है। मंत्री ने कहा कि इस सुविधा के शुरू होने से भारत लंदन के हीथ्रो, अमेरिका के अटलांटा जैसे एयरपोर्ट की श्रेणी में आ गया है। उन्होंने कहा कि दुबई के एयरपोर्ट पर यह सुविधा शुरू होने से यात्रियों के समय में 40 मिनट तक की बचत होती है। अटलांटा एयरपोर्ट पर प्रति एयरक्राफ्ट इस तकनीक के जरिए नौ मिनट तक का समय बचता है। पूरी तरह सुरक्षित डिजियात्रा सिस्टम सिंधिया ने कहा, ‘डिजियात्रा सिस्टम में डेटा को एनक्रिप्टेड रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। पहले हमने एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम पर विचार किया जिसमें सारे डेटा हों, लेकिन फिर प्राइवेसी, डेटा चोरी के विषयों पर ध्यान गया। हमने डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम को चुना जिसमें यात्रियों की डिटेल यात्री के मोबाइल फोन पर ही होगा। आपका डेटा सुरक्षित रखा जाएगा। डेटा यात्री के फोन में सुरक्षित होगा और एयरपोर्ट पर साझा किया जाने वाला डेटा यात्रा के 24 घंटे बाद ही हटा दिया जाएगा।’ पैसेंजर्स जिस एयरपोर्ट से उड़ान भरेंगे उसे डेटा यात्रा से 24 घंटे पहले ही भेजा जाएगा। डिजियात्रा एंड्रॉयड और आईओएस प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध है। अगर, कोई भी यात्री डिजी यात्रा सेवा का इस्तेमाल करता है तो उसके चेहरे की बायोमीट्रिक ली जाएगी। पहले से सेव डेटा के मुताबिक, पहचान की जाएगी जांच सही होने पर एयरपोर्ट में जाने की इजाजत दी जाएगी। अगर पोर्टल पर डेटा सेव नहीं है, तो एंट्री की इजाजत नहीं मिलेगी। डिजियात्रा कहां-कहां? गुरुवार से दिल्ली एयरपोर्ट के साथ बेंगलुरु और वाराणसी एयरपोर्ट पर डिजियात्रा सर्विस शुरू हो गई है। मार्च तक कोलकाता, हैदराबाद, विजयवाड़ा और पुणे में भी यह सर्विस शुरू हो जाएगी। धीरे-धीरे पूरे देश में इसे लागू कर दिया जाएगा। ऐप कैसे करेगा काम? सबसे पहले डिजियात्रा ऐप डाउनलोड करें और रजिस्ट्रेशन करें। फिर आधार कार्ड की डिटेल भरें या डिजिलॉकर ऐप से लिंक करें। इसके बाद फोन से सेल्फी लेने का ऑप्शन आएगा, जिससे आपका चेहरा ऐप में रिकॉर्ड हो जाएगा। एयरपोर्ट पर क्या होगा? ई-गेट पर बोर्डिंग पास स्कैन करें। उसके बाद कैमरे के सामने खड़े हो जाएं। आपके चेहरे का मिलान होते ही गेट खुल जाएगा।


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