नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 30 दिसंबर की रात तेज रफ्तार कार ने तीन छात्राओं को टक्कर मार दी। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। वह छात्रा कोई और नहीं, स्वीटी सिंह है। स्वीटी नोएडा पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है। उसके गुनाहगारों तक पुलिस घटना के 8 दिन बाद भी नहीं पहुंच पाई है। 31 दिसंबर की रात 9:00 बजे बाजार गई स्वीटी को तेज रफ्तार कार ने रौंद दिया था। इस दुर्घटना की चपेट में उसकी दो और साथी आई। स्वीटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां वह आईसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रही है। गरीब परिवार से आने वाली स्वीटी के लिए इलाज करा पाना मुश्किल हो रहा था। साथियों ने आपसी मदद से पहले इलाज कराया। अब नोएडा पुलिस मदद के लिए आगे आई है। लेकिन, गुनाहगारों तक पहुंचने में असफलता का दाग नोएडा पुलिस के दामन पर लग रहा है। पुलिस कमिश्नर और तेज-तर्रार आईपीएस लक्ष्मी सिंह के लिए यह मामला बड़ी चुनौती बना हुआ है।
बेटी के इलाज की खातिर परेशान है पिता
शिवनंदन पाल अपनी बेटी स्वीटी को इंजीनियर बनाना चाहते थे। खेतों में मजदूरी करते हैं। लेकिन, बेटी को इंजीनियर बनाने का सपना देखा। उसे पूरा करने के लिए लोन लिया। मेहनत-मजदूरी कर जीवन की गाड़ी खींच रहे हैं। इकलौती बेटी का जीवन बेहतर हो, बस इतनी सी ख्वाइश थी। 22 वर्षीय बेटी स्वीटी ग्रेटर नोएडा के कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई कर रही है। चौथे वर्ष की छात्रा है। 31 दिसंबर की घटना के बाद कोमा में चली गई। प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इलाज का खर्च भारी-भरकम आ रहा है। ऐसे में नोएडा पुलिस के सभी कर्मियों ने अपने एक दिन का वेतन देने का फैसला स्वीटी के इलाज के लिए किया है। यह करीब 10 लाख रुपये बताया जा रहा है। नोएडा पुलिस की पहल से स्वीटी के उपचार में मदद मिलेगी। लेकिन, उस परिवार की स्थिति सोचिए, जो नोएडा में रहकर इन दिनों बेटी के इलाज के लिए चंदा जुटा रहा है। उन्हें उम्मीद थी कि बिहार से आई बेटी पढ़- लिखकर परिवार की स्थिति संभालेगी। आज उसकी स्थिति को संभालने के लिए उन्हें मशक्कत करनी पड़ रही है। स्वीटी के पिता शिवनंदन पाल कहते हैं कि 31 दिसंबर की रात 11:00 बजे स्वीटी की तबीयत खराब होने की सूचना मिली। ट्रेन पकड़ा और आ गए। आकर बेटी की स्थिति को देखा तो अब देखा नहीं जा रहा। ग्रेटर नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की अंतिम वर्ष की छात्रा को एक सेंट्रो कार ने बाजार से कुछ सामान लेकर लौटते समय टक्कर मारी थी।हालत बनी हुई है नाजुक
स्वीटी स्वीटी को आनन-फानन में ग्रेटर नोएडा के कैलाश हॉस्पिटल पहुंचाया गया। वहां उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। स्वीटी की दोस्त अरुणाचल प्रदेश की करसोनी डोंग मणिपुर की अंगानबा को मामूली चोट आई। करसोनी बताती है कि हम किचन का सामान लेकर लौट रहे थे। सड़क के किनारे चल रहे थे। अचानक यह सब हो गया। वह पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताती हैं। कहती हैं कि अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वहीं, पुलिस इस पूरे मामले में कार्रवाई के नाम पर कुछ बड़ा हासिल करती नहीं दिख रही है। ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाना इलाके में घटना घटी। जिस रूट पर घटना घटी, वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं होने की बात कही जा रही है। पुलिस का कहना है कि आधा किलोमीटर आगे और पीछे कोई कैमरा नहीं है। चौराहे पर भी कैमरे नहीं हैं। दिन में घटना घटी तो कई लोग इसे देखते। रात का मामला है, इस कारण कुछ मिल नहीं रहा है।क्या करेंगी लक्ष्मी सिंह?
ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाना की ओर से दावा किया जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को इस इलाके में सीसीटीवी लगाने के लिए पिछले 2 साल से कहा जा रहा है। कार्रवाई नहीं हो रही है। मतलब, रात को हुई घटना से पुलिस अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश करती दिख रही थी। हालांक, बीटा-2 पुलिस के रवैए पर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह का बड़ा एक्शन सामने आया है। शुक्रवार की देर रात तक चली क्राइम मीटिंग के दौरान उन्होंने बीटा-2 थाना प्रभारी अंजनी सिंह को हटाने का फैसला लिया। क्राइम कंट्रोल में विफलता के आरोप में उन्हें हटाया गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में स्वीटी सिंह केस में पुलिस कुछ अहम सबूतों के साथ आरोपी तक पहुंच सकती है। बीटा-2 थाना की ओर से अब तक जिस प्रकार से पल्ला झाड़ने की कोशिश पूरे मामले में हो रही थी, उस पर भी सवाल खड़े होने लगे थे। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह इन सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश कर सकती हैं।from https://ift.tt/IaicGjh
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