जयपुर: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान आने से पहले प्रदेश कांग्रेस के दोनों गुट एक दूसरे पर सियासी हमले कर रहे थे। नकारा, निकम्मा और गद्दार होने के आरोप खुले मंच से लगाते थे लेकिन दिसंबर में जब राहुल गांधी की एंट्री राजस्थान में हुई तो इससे पहले दोनों गुटों के बीच सुलह कराई गई। करीब एक डेढ महीने तक दोनों गुट शांत रहे लेकिन अब दोनों के बीच फिर से सियासी बयानों के हमले शुरू हो गए हैं। ये चुभते बयान उनके समर्थक नहीं बल्कि खुद और सचिन पायलट दे रहे हैं। इस बयानबाजी से ये तो साफ हो गया है कि कांग्रेस में गुटबाजी का बवंडर एक बार फिर आने वाला है।
यहां पढिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत के ताजा बयान जिनमें उन्होंने एक दूसरे पर तंज कसे
16 जनवरी - पेपर लीक गिरोह को संरक्षण पर पायलट और गहलोत
16 जनवरी को नागौर जिले के परबतसर में सचिन पायलट की ओर से किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में पायलट ने पेपर लीक माफियाओं को संरक्षण देने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं होने को लेकर बयान दिया। चूंकि पेपर लीक का मुद्दा प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा है। पायलट ने कहा कि जब तक पेपर लीक करने वाले गिरोह को संरक्षण देने वाले नेताओं और अफसरों को सलाखों के पीछे नहीं भेजेंगे तब तक इन पर रोक लगाना मुश्किल है। यह मुद्दा छेड़कर पायलट ने अशोक गहलोत पर सवाल उठा दिए। अगले ही दिन अशोक गहलोत ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पेपर लीक प्रकरण में जिन्हें पकड़ा गया है, वे ही सरगना है। गहलोत ने नेताओं और अफसरों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि कोई भी नेता और अफसर पेपर लीक प्रकरण में लिप्त नहीं है।17 जनवरी - गहलोत के बयान पर पलटवार
17 जनवरी को हनुमानगढ जिले के पीलीबंगा में आयोजित किसान सम्मेलन में सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया। चूंकि गहलोत पेपर लीक मामले में नेताओं और अफसरों को क्लीन चिट दे चुके थे। इस बयान पर पलटवार करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि अगर नेता और अफसर पेपर लीक प्रकरण में शामिल नहीं हैं तो तिजोरी में बंद पेपर बाहर कैसे आ जाता है। तिजोरी से बाहर आकर पेपर माफियाओं और अभ्यर्थियों तक पहुंच जाता है, यह तो जादूगरी हो गई। पायलट ने कहा कि प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो ताकि ऐसे प्रकरण रोके जा सकें। पायलट के इस बयान पर गहलोत ने कोई पलटवार नहीं किया।18 जनवरी - गहलोत ने पायलट की तुलना कोरोना से की
18 जनवरी को झुंझुनूं जिले के गुढा में आयोजित किसान सम्मेलन में सचिन पायलट ने एक बार फिर अशोक गहलोत पर सियासी हमला करते हुए कहा कि राजनैतिक नियुक्तियों में भेदभाव हो रहा है। जो कार्यकर्ता पार्टी में सालों तक मेहनत करते हैं, उन्हें राजनैतिक नियुक्ति नहीं दी जाती बल्कि रिटायर्ड अफसरों को तेजी से नियुक्तियां दी जा रही है। पायलट ने कहा कि शाम 5 बजे कोई अफसर रिटायर होता है और रात 12 बजे तक उसकी राजनैतिक नियुक्ति के ऑर्डर आ जाते हैं। राजनैतिक नियुक्तियों के अनुपात में ये भेदभाव ठीक नहीं है। इससे कांग्रेसी कार्यकर्ता हताश और निराश हैं। इसी दिन 18 जनवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट की तुलना कोरोना से कर दी। सचिवालय में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हो रही बैठक में गहलोत ने कहा कि हमारी पार्टी के अंदर भी एक बड़ा कोरोना आया हुआ है। गहलोत का इशारा सचिन पायलट की ओर था। गहलोत के बयान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।19 जनवरी - माथुर आयोग कुछ नहीं कर पाया
19 जनवरी को सचिन पायलट ने पाली जिले के बाली में किसान सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मलेन में उन्होंने अशोक गहलोत पर फिर सवाल उठाए। पायलट ने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले हमने (कांग्रेसी नेताओं ने) कहा था कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच करवाएंगे। चार साल बीत गए लेकिन अभी तक बीजेपी राज में हुए घोटालों की जांच नहीं हुई। पायलट ने कहा कि जनता के साथ किया गया वादा अगर हम पूरा नहीं करेंगे तो जनता का विश्वास कैसे कायम रहेगा। दोबारा हम जनता के बीच क्या मुंह लेकर जाएंगे। गहलोत के पिछले कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए पायलट ने बयान दिया कि पिछले कार्यकाल में बीजेपी राज भ्रष्टाचार की जांच के लिए माथुर आयोग का गठन किया था लेकिन पांच साल में माथुर आयोग कुछ नहीं कर पाया। यही हाल इस बार हो रहा है।20 जनवरी - गहलोत के रगड़ाई वाले शब्द का इस्तेमाल कर दिया जवाब
20 जनवरी को सचिन पायलट जयपुर में थे। यहां महाराजा कॉलेज में छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन के बाद छात्र महापंचायत को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को उन्हीं के कहे गए शब्दों का इस्तेमाल करते हुए घेरा। पायलट ने यहा कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस ने महज 21 सीटों पर चुनाव जीता था तब जनवरी 2014 में उन्हें राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। 5 साल तक कड़ी मेहनत की ओर पार्टी को सत्ता तक पहुंचाया। इस दौरान पायलट ने छात्रों से पूछा कि पांच साल तक उनकी मेहनत, संघर्ष और रगड़ाई में कहीं कोई कमी देखी क्या...। गहलोत के रगड़ाई वाले शब्द का इस्तेमाल करते हुए पायलट ने उन्हीं पर निशाना दाग दिया। इस दौरान मौजूद हजारों छात्रों ने पायलट के समर्थन में जोरदार हुटिंग की।रिपोर्ट - रामस्वरूप लामरोड़from https://ift.tt/fU9syRi
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