नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अपने अंतिम पड़ाव पर है। कन्याकुमारी से शुरू हुई इस यात्रा का समापन कश्मीर में होगा जहां राहुल तिंरंगा झंडा फहराएंगे। अब जब पार्टी की यह यात्रा खत्म होने को है तो ऐसे में उन राज्यों में राज्यव्यापी मार्च चलाने की योजना है जहां यह यात्रा नहीं पहुंच पाई है। कांग्रेस आलाकमान की ओर से यह निर्देश दिए गए हैं। पार्टी 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा की भी शुरुआत करने जा रही है। यह भारत जोड़ो यात्रा का ही फॉलोअप है। इस यात्रा का नेतृत्व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी। आपको बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में शुरू हुई यह यात्रा का समापन 30 जनवरी को होगा। इन राज्यों से निकली कांग्रेस की यात्रा गुरुवार को बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बांका जिले के एतिहासिक मंदिर हिल क्षेत्र से से बोध गया तक 1250 किमी का राज्यव्यापी मार्च की शुरुआत की थी। वहीं पश्चिम बंगाल से पार्टी अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी भी 800 किमी की पैदल यात्रा का नेतृत्व करते दिखाई दिए। इसकी शुरुआत गंगासागर के दक्षिणी छोर से कुछ दिन पहले की गई थी। यह यात्रा दार्जलिंग तक जाएगी। ज्ञात हो कि भारत जोड़ो यात्रा बंगाल और बिहार से होकर नहीं गुजर रही थी। वहीं त्रिपुरा और ओडिशा में भी यह यात्रा निकाली जाएगी। आपको बता दें कि कांग्रेस बिहार और उत्तर प्रदेश में साल 1990 के बाद से सत्ता में नहीं आई है। वहीं त्रिपुरा में 1993 और ओडिशा में काफी लंबे समय से पार्टी सत्ता से दूर है। पश्चिम बंगाल में तो हालत और बुरे हैं। कांग्रेस अंतिम बार साल 1972 में आई थी। उस समय सिद्धार्थ शंकर राय मुख्यमंत्री थे। झारखंड में साल 200 के बाद से पार्टी का मुख्यमंत्री नहीं है। कंटेनर नहीं यहां रुकेंगे कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से अलग इस मार्च में कांग्रेस के कार्यकर्ता स्थानीय नेताओं के घरों और जिला मुख्यालय के होटलों में रुकेंगे। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि छिटपुट दिक्कतों को छोड़ दिया जाए तो राज्य यात्रा का रिस्पॉंस उम्मीद से बेहतर रहा है। हमारे पास राहुल गांधी जैसा भीड़ खींचने वाली शख्सियत नहीं है। हमारा संगठन काफी कमजोर है। हमारे पास संसाधनों कमी है। लेकिन लोग आ रहे हैं। यहां तक की सिविल सोसायटी के लोग भी हमारे साथ जुड़ रहे हैं।
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