अहमदाबाद: मोदी सरनेम मानहनि केस में दो साल की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली अपील पर गुजरात हाई कोर्ट में आज बेहद अहम सुनवाई शुरू हो गई है। आज की सुनवाई में इस मामले के याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ दलीलें रखी जा रही है। पूर्णेश मोदी के वकील निरुपम नानावटी ने कोर्ट में कहा की राहुल गांधी को इस स्टेज राहत नहीं दी जानी चाहिए। नानावटी ने कहा कि राहुल गांधी ने एक बार नहीं, बार-बार मोदी सरनेम का अपमान किया। कोर्ट के द्धारा दोषी करार दिए जाने के बाद भी याचिकाकर्ता ने दोहराया कि वह माफी नहीं मांगेंगे। नानावटी ने कहा कि कोर्ट के आर्डर के बाद उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मेरा नाम गांधी है सावरकर नहीं है। मैं माफी नहीं मांगूगा। उनके खिलाफ 12 मामले दर्ज हुए हैं।खड़े किए आचरण पर सवाल नानावटी ने यह भी कहा अगर उनका यह पब्लिक स्टैंड हैं तो फिर यहां कोर्ट में क्यों प्रार्थना कर रहे हैं। नानावटी ने कहा कि सूरत में मानहानि का केस होने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कहा सावरकर के बारे में बोला। इसके बाद सावरकर के पोते ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है। नानावटी राहुल गांधी के आचरण पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वह एक बड़ी राष्ट्रीय नेता के तौर पर ऐसा कैसे कर सकते हैं, कि वे पब्लिक में बड़बोले बनें और कोर्ट में प्रार्थना करें। तो कल भी होगी सुनवाई इसस पहले सुनवाई शुरू होने से पहले जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक ने कहा कि इस मामले की मैं जल्दी सुनवाई पूरी करना चाहता हूं। अगर आज सुनवाई पूरी नहीं होती है तो मैं कल सुनवाई करूंगा। कोर्ट में पूर्णेश मोदी के वकील निरुपम नानावटी दलीलें रख रहे हैं। आज कोर्ट में राहुल गांधी की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी मौजूद नहीं हैं। कोर्ट ने डिसक्वालीफाई नहीं कियापूर्णेश मोदी के वकील निरुपम नानावटी ने कहा कि कोर्ट ने डिसक्वालीफाई नहीं किया है। संसद ने अयोग्य घोषित किया है। न ही शिकायतकर्ता ने अयोग्य करार दिया है। ऐसे में यह दलील नहीं दी जा सकती है कि वे ऐसे नुकसान से गुजर रहे हैं जिसकी भरपाई संभव नहीं है। अयोग्य घोषित करने का कानून संसद ने बनाया है। दोनों पक्षों के वकील मौजूद गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक राहुल गांधी की अपील पर दलीलों को सुन रहे हैं। कोर्ट में राहुल गांधी की तरफ से हाई कोर्ट के वकील पंकज चांपानेरी मौजूद हैं तो पूर्णेश मोदी की तरफ से हर्षित तौलिया, निरुपम नानावटी और गुजरात सरकार की तरफ से सरकारी वकील मितेष अमीन की कोर्ट रूम में मौजूद हैं। अहम है आज की सुनवाई अगर राहुल गांधी की सजा पर रोक मांग हाई कोर्ट से खारिज होती है तो उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती है। कांग्रेस नेता को सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ेगा। तो वहीं कर्नाटक चुनावों के बाद चुनाव आयोग वायनाड में उप चुनाव का भी ऐलान कर सकता है। ऐसे में उनके लिए और समस्याएं खड़ी हो जाएगीं। उनके सामने तब सिर्फ सप्रीम काेर्ट का आखिरी विकल्प बचेगा? ऐसे में हाई कोर्ट में चल रही सजा पर रोक की सुनवाई राहुल गांधी के लिए काफी अहम मानी जा रही है। की सजा पर अगर रोक नहीं लगती है तो वे अगले आठ साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
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