Tuesday 16 May 2023

ज्ञानवापी कैंपस का होगा एएसआई सर्वे? वाराणसी कोर्ट ने याचिका मंजूर की, जानिए पूरा मामला

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मंदिर परिसर के एएसआई सर्वे की याचिका को जिला कोर्ट ने मंजूर कर लिया। कोर्ट की ओर से याचिका मंजूर किए जाने के बाद हिंदू पक्षकार की ओर से सर्वे से संबंधित दावेदारी की गई है। ज्ञानवापी कैंपस की एएसआई जांच को मंजूरी दिए जाने की बात कही है। हिंदू पक्षकार की ओर से दी गई याचिका को स्वीकार करते हुए वाराणसी जिला कोर्ट ने 22 मई को अगली सुनवाई का आदेश दिया है। वकील विष्णु जैन की ओर से दायर याचिका में पूरे परिसर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वे कराने की मांग की गई। हिंदू पक्षकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 22 तारीख को अगली सुनवाई की तिथि तय की है। वहीं, मुस्लिम पक्षकारों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से 19 मई को याचिका दायर की जाएगी। इसमें एएसआई सर्वे का विरोध किए जाने की बात कही गई।

पूरे ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की मांग

वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की मांग से संबंधित याचिका दायर की गई। हिंदूवादी महिलाओं और वकील विष्णु जैन की ओर से जिला अदालत में पूरे परिसर की एएसआई से सर्वे कराने की मांग की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि पूरे परिसर का सर्वे हो। कोर्ट का यह फैसला ज्ञानवापी परिसर के एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग के ठीक एक साल बाद आया है। 16 मई 2022 को ज्ञानवापी परिसर के एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग मिला था। हिंदू पक्षकारों का दावा है कि इस शिवलिंग के नीचे असली आदि विश्वनाथ का शिवलिंग विराजमान है। अगर कोर्ट सर्वे का आदेश देती है तो निश्चित तौर पर इस पूरे परिसर का सर्वे होगा। इससे कई चीजों के सामने आने की बात कही जा रही है।

वकील विष्णु जैन ने दी जानकारी

वाराणसी कोर्ट में याचिका मंजूर होने को लेकर वकील विष्णु जैन ने कोर्ट में चली प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की याचिका को मंजूर कर लिया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने हमारी याचिका को स्वीकार करते हुए एएसआई सर्वे की बात कही है। इस संबंध में मुस्लिम पक्षकारों को अपना पक्ष रखने के लिए 19 तारीख तक का समय दिया गया है। 19 मई को मुस्लिम पक्षकार की ओर से आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद 22 मई को कोर्ट की अगली सुनवाई में इस पर अहम निर्णय आ सकता है। विष्णु जैन ने कहा कि हमारा केस बहुत मजबूत है। वकील ने कहा कि नियमों के अनुसार, किसी भी केस में कोर्ट वैज्ञानिक अप्रूवल को मंजूरी दी जाती है। एविडेंस एक्ट भी साइंटिफिक एविडेंस की बात करता है। उन्होंने कहा कि बिना आधिकारिक एविडेंस के इस केस का फैसला नहीं हो सकता है। इस केस में एएसआई की जांच बहुत महत्वपूर्ण है। एएसआई जांच से इस परिसर का सही कैरेक्टर सामने आएगा। इसलिए हमने कोर्ट से एएसआई जांच की मांग की है।


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