Sunday, 14 May 2023

वाल्मीकि वोट नहीं मिले, मुस्लिमों की लामबंदी भी नहीं आई काम... आगरा में बीजेपी की जीत से बीएसपी हैरान

सुनील साकेत, आगरा: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav 2023) में मिली अभूतपूर्व जीत से बीजेपी खेमे में खुशी की लहर है, लेकिन उसे टक्कर देने वाली बीएसपी रणनीतिकारों के हौसले पस्त हो गए हैं। इसके अलावा बीएसपी की जीत का दावा ठोकने वाले मुस्लिम समर्थक भी हैरान हैं कि आखिर बीजेपी को हराने में लामबंद होने के बाद भी वे कोई करिश्मा क्यों नहीं कर सके। बीजेपी की हेमलता दिवाकर रेकॉर्ड वोटों से मेयर सीट पर चुनाव जीत गई।दलित बहुल आगरा में पर इस बार जातीय समीकरण लता वाल्मीकि के लिए सटीक बैठ रहे थे। जाटव के साथ वाल्मीकि कॉम्बीनेशन होने से बीएसपी के लिए अच्छी खासी वोटिंग की उम्मीद जगी थी। इधर बीजेपी को हराती दिखाई दे रही बीएसपी के सपोर्ट में मुस्लिम समुदाय ने भी वोटिंग की ताल ठोक दी थी। मगर जैसे ही नतीजे आए तो सभी राजनैतिक समीकरण फुस्स हो गए। हेमलता दिवाकर ने 1,08468 वोटों से बीएसपी की लता को हरा दिया है। ये जीत अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की गई है।

कहां गए चौधरी बशीर वाले 35 हजार वोट

वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी नवीन जैन को 2,17881 वोट मिले थे। नवीन जैन ने बीएसपी के दिगंबर सिंह धाकरे को 74,322 वोट से शिकस्त दी थी। मुस्लिम प्रत्याशी पूर्व मंत्री चौधरी बशीर 35,243 वोट लेकर आए थे। मगर इस बार मुस्लिम प्रत्याशी नहीं होने पर मुस्लिमों को वोट बीएसपी की ओर डायवर्ट हुआ था, तमाम मुस्लिम नेताओं और समाजसेवियों ने छाती ठोककर बीएसपी को जिताने का एलान भी किया था। मगर नतीजे आने पर हर कोई यही सोचने को मजबूर है कि आखिर चौधरी बशीर के 35 हजार वोट कहां चले गए।

बीएसपी के बढ़े 15 बीजेपी के 50 हजार

2017 के निकाय चुनाव में नगर निगम के लिए 40.6 प्रतिशत मतदान हुआ था। बीजेपी प्रत्याशी नवीन जैन को 217881 वोट लेकर विजेता बने थे। जबकि बीएसपी के दिगंबर धाकरे को 1,43559 वोट मिले। 2023 में बीएसपी की लता वाल्मीकि को 159457 वोट मिले। इस हिसाब से बीएसपी का 15,898 वोटों का इजाफा हुआ। जबकि बीजेपी की हेमलता दिवाकर को 267925 वोट मिले हैं। पिछले निकाय चुनाव के सापेक्ष उन्हें 50,044 वोट अधिक मिले हैं। इधर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आप समेत विभिन्न दलों की जमानत तक जब्त हो गई है। समाजवादी पार्टी की जूही प्रकाश को पिछले निकाय चुनाव से 2085 वोट कम मिले हैं।

वाल्मीकि समाज ने दिया धोखा

बीएसपी ने निकाय चुनाव जीतने के लिए मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। जाटव वोटों के साथ-साथ वाल्मीकि वोट हासिल करने के लिए लता वाल्मीकि को टिकट दिया, लेकिन लता को वाल्मीकि और मुस्लिम वोट नहीं मिला। यही वजह है कि उन्हें महज 15 हजार वोट अधिक मिले हैं। हालांकि लता वाल्मीकि का कहना है कि उन्हें हर समाज का आशीर्वाद मिला है। अगर चुनाव जीत जाती तो शहरवासियों की सेवा करने का मौका मिलता।


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