तिरुवनंतपुरम: केरल हाई कोर्ट की महिला जजों ने पहनावे में चूड़ीदार शामिल (Churidar In Courts) किए जाने की मांग की है। महिलाओं का कहना है कि तपती गर्मी में सालों से चले आ रहे पुराने ड्रेस कोड (Kerala Court Dress Code) को पहनने से काफी दिक्कत होती है। मौजूदा समय की बात करें तो महिला जजों को एक साड़ी के साथ ही सफेद साड़ी कॉलर बैंड और उसके ऊपर एक काला गाउन पहनकर भीड़भाड़ वाले कोर्ट रूम में घंटों बैठना पड़ता है। देश की कई अदालतों में भी ऐसे मामलों पर सुनवाई चल रही है। केरल में महिला न्यायिक अधिकारियों ने 53 साल पुराने नियमों में बदलाव के लिए हाई कोर्ट (Kerala High Court) के रजिस्ट्रार से संपर्क किया है। हालांकि अभी पुराने ड्रेस कोड का ही चलन कोर्ट परिसर में लागू है।
सन 1970 में लागू हुआ था ड्रेस कोड
केरल के न्यायिक अधिकारियों का ड्रेस कोड 1 अक्टूबर, 1970 को लागू किया गया था। जिसके मुताबिक महिलाओं को हल्के रंग की क्षेत्रीय पोशाक (साड़ी) के साथ सफेद कॉलर बैंड और बैरिस्टर या बैचलर ऑफ लॉ का ब्लैक गाउन पहना जाना चाहिए। वहीं पुरुष न्यायिक अधिकारियों को वैसे ही ब्लैक गाउन या फिर ओपन-कॉलर कोट, सफेद शर्ट के साथ कॉलर बैंड पहनना तय किया गया था।तेलंगाना हाई कोर्ट का दिया हवाला
केरल हाई कोर्ट के न्यायिक अधिकारियों ने तेलंगाना हाई कोर्ट के उदाहरण का हवाला भी दिया। दरअसल तेलंगाना हाई कोर्ट ने 15 मार्च, 2021 को ड्रेस कोड जारी किया था। इसके मुताबिक न्यायिक महिला अधिकारियों के पहनने के लिए चूड़ीदार सलवार, लॉन्ग स्कर्ट, पतलून (सफेद, क्रीम, ग्रे या काला) निर्धारित किया गया। इसके अलावा अपनी इच्छानुसार वे इन्हीं रंगों की साड़ी भी पहन सकती हैं।from https://ift.tt/y76lcUf
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