जर्जर इमारतें, टूटे हुए छज्जे। कुछ ऐसी है हरिनगर का डीएमएस कॉलोनी। जो जा सका, कॉलोनी छोड़कर चला गया, जो हैं जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। बारिश इस कॉलोनी के लिए भूकंप से कम नहीं है। यह कहना है यहां रहने वाले लोगों का। 1987 में बनी इस कॉलोनी में करीब 489 फ्लैट हैं। सभी जर्जर हालत में हैं। वैसे तो आधे से ज्यादा फ्लैट अभी खाली हैं।from Navbharat Times https://ift.tt/2vbhFdB
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