Tuesday, 31 July 2018

गजब! वेतन पर क्या पते की बात कह गए प्रेमचंद

करीब 100 साल पहले की उनकी रचनाएं आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उस जमाने में हुआ करती थीं। आइये आज उनके जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को जानते हैं, जिसका दर्द उनकी रचनाओं में भी नजर आता है...

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