भारत में दिव्यागों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है. जी हां, केरल में इंजीनियरिंग के कुछ छात्रों ने मिलकर इनके लिए सेल्फ ड्राइव व्हील चेयर बनाई है. जिसे चलाने के लिए किसी दूसरे के सहारे की जरुरत नहीं पड़ेगी, दिव्यांग व्यक्ति व्हील चेयर पर बैठ-बैठे अपने मोबाइल ऐप से कमांड देकर इसे नियंत्रित कर सकता है. इस आविष्कार से दिव्यांग व्यक्ति अपनी व्हील चेयर को आसानी से आगे-पीछे और दायें-बायें मुड़ा सकेंगे वो भी बिना किसी अन्य की सहायता के. 'सेल्फ-ई' नामक इस व्हील चेयर को केरल के कोलाम अमृता विश्व विद्यापीठम में बनाया गया है. इसे इंजीनियरिंग के 3 छात्रों रवि तेजा, सारथ श्रीकांत और अखिल राज ने मिलकर बनाया है. इन छात्रों के द्वारा पिछले साल जुलाई में 'सेल्फ-ई' बनाने का प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. एक साल की मेहनत और लगन के बाद इन्होंने मिलकर बनाया 'सेल्फ-ई'. इस 'सेल्फ-ई' को मॉल्स, एयरपोर्ट, अस्पताल और घरों में भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे बनाने में 90 हजार से एक लाख रुपये का खर्च आता है. इस 'सेल्फ-ई' व्हील चेयर को मोबाइल ऐप से कंट्रोल किया जाता है. इसमें लेजर सेंसर आधारित लाईडार टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. सेंसर पर्यावरण के एलिमेंट की पहचान करके मैप तैयार करता है. यह मैप एंड्रायड मोबाइल एप्लीकेशन 'मुद्रा' पर डिस्पले होता है. यूजर लोकेशन सेलेक्ट करके व्हील चेयर से कही भी आसानी से पहुंच सकते हैं. इस ऐप के लिए इंटरनेट और जीपीएस की भी जरुरत नहीं पड़ती लेकिन इस्तेमाल होने वाला फोन ब्लूटूथ को सपोर्ट करने वाला होना चाहिए. अस्पताल के डॉक्टर और नर्सेज ने इस 'सेल्फ-ई' व्हील चेयर को पास कर दिया है. जिसके बाद 'सेल्फ-ई' बनाने वाली टीम इसे पेटेंट कराने जा रही है. इस व्हील चेयर के बाजार में आने के बाद दिव्यांग व्यक्ति का जीवन काफी आसान हो जाएगा, क्योंकि 'सेल्फ-ई' पर सवार दिव्यांग ऐप ते जरिए सेल्फ ड्राइवर कर सकेंगे.
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