Wednesday, 25 July 2018

जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए 82 साल के नौजवान ने खोद डाले 14 तालाब

कर्नाटक के मंड्या के रहने वाले 82 साल के कामेगौड़ा असल ज़िंदगी के बड़े नायकों में से एक हैं. इन्होंने अपने बल पर पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जल और जंगल को बचाने के लिए पहाड़ भी तोड़ डाला. इनका दम-खम देखकर आज सारी दुनिया इन्हें सलाम कर रही है. जल के लिए अकेले ही कामोगौड़ा पर्वत का सीना चीरने निकल पड़े. कामेगौड़ा भेड़ चराकर अपना पेट पालते हैं. जंगल बचाने के लिए इन्होंने एक, दो नहीं बल्कि पूरे 14 तालाब खोद डाले. यही कराण है कि कामेगौड़ा को अब आसपास के लोग वाटर मैन के नाम से जानने लगे हैं लेकिन इस पहचान के बाद भी इनकी किस्मत में कोई बदलाव नहीं हुआ. ये आज भी डासनाडोड्डी गांव के अपनी उसी छोटी सी झोपड़ी में रहते हैं, वही रूखा-सूखा खाकर जीवन गुजार रहे हैं. पाई-पाई को मोहताज कामेगौड़ा की ज़िंदगी मुश्किल से कट रही है, लेकिन इसका उन्हें कोई गम नहीं है. आज से लगभग 40 साल पहले इन्होंने पानी के लिए अकेले ही पहाड़ खोदना शुरु किया. शुरुआत में पहाड़ खोदने के लिए कामेगौड़ा के पास औजार तक न थे. औजार न होने की वजह से कामेगौड़ा को लकड़ी से खुदाई करनी पड़ी. जब बात नहीं बनी तो इन्होंने औजार खरीदने के लिए अपनी भेड़ें तक बेच दीं. बारिश ना होते देख कामेगौड़ा ने बरगद के पेड़ लगाने शुरू कर दिए. साल 2018 में कामेगौड़ा 2000 से ज्यादा बरगद के पेड़ लगा चुके हैं. यही नहीं कामेगौड़ा अपने बल पर कुंदिनीबेट्टा के पास 14 तालाब भी बना चुके हैं.

from Latest News OMG News18 हिंदी https://ift.tt/2mJTTBz

Related Posts:

0 comments: